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अर्जुन राम मेघवाल : पिता के साथ की बुनकरी, साइकिल से संसद गए, IAS की नौकरी छोड़ तीसरी बार जीते

राजस्थान के बीकानेर जिले में नमकीन, भुजिया और रसगुल्ला ये तीनों चीजें काफी फेमस हैं. बीकानेर से ही ताल्लुक रखने वाले बीजेपी सांसद अर्जुन राम मेघवाल अपनी जमीन से जुड़े हुए नेता हैं. अर्जुन राम मेघवाल की बोली में बीकानेरी मिठास और पहनावे में राजस्थानी झलक दिखती है. बता दें कि अर्जुन मेघवाल पगड़ी बांधकर साइकिल पर सवार होकर संसद में जाने वाले नेताओं में से एक हैं.

आपको बता दें कि राजनीति में शामिल होने के लिए मेघवाल ने भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (वीआरएस) लिया था. इसके बाद लोकसभा चुनाव 2009 में बीकानेर लोकसभा सीट से पहली बार वे बीजेपी की टिकट पर सांसद चुने गए. इसके बाद लोकसभा चुनाव 2014 में उन्हें 16वीं लोकसभा के लिए बीकानेर सीट से फिर जीत मिली. अपने दूसरे कार्यकाल के दौरान वे लोकसभा में बीजेपी के मुख्य सचेतक रहे. लोकसभा के अध्यक्ष ने भी उन्हें लोक समिति के अध्यक्ष के रूप में नामित किया. मेघवाल को साल 2016 में वित्त राज्य मंत्री बनाया गया था, जिसके बाद जल संसाधन राज्य मंत्री के रूप में भी उनका कार्यकाल रहा.

13 साल की उम्र में हो गई थी शादी, पर जारी रखी पढ़ाई
बता दें कि बीकानेर सांसद अर्जुन राम मेघवाल का बचपन संघर्षशील रहा. जिले के किशमीदेसर गांव के एक पारंपरिक बुनकर परिवार में जन्मे मेघवाल की शादी मात्र 13 साल की उम्र में पानादेवी से हो गई थी. पिता के साथ बुनकर के रूप में काम करते हुए भी उन्होंने अपनी पढ़ाई जारी रखी. बीकानेर के राजकीय डूंगर कॉलेज से उन्होंने बीए की डिग्री पाई और उसी संस्थान से एलएलबी और स्नातकोत्तर डिग्री भी हासिल की.पढ़ाई पूरी करने के बाद अर्जुनराम मेघवाल ने प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी शुरू की. उन्हें भारत डाक एवं तार विभाग में टेलीफोन ऑपरेटर का पद मिला. राजनीति में उनकी शुरुआत तब हुई, जब वे टेलीफोन ट्रैफिक एसोसिएशन का चुनाव लड़े, जिसमें वे महासचिव चुने गए. टेलीफोन ऑपरेटर के रूप में काम करते हुए मेघवाल ने दूसरे प्रयास में राजस्थान राज्य प्रशासनिक सेवा की परीक्षा पास कर ली.
2013 में मिल चुका है सर्वश्रेष्ठ सांसद का पुरस्कार
मेघवाल अभई जल संसाधन, नदी विकास और गंगा कायाकल्प और संसदीय मामलों के मंत्रालय में केंद्रीय राज्य मंत्री हैं. उन्हें वर्ष 2013 में सर्वश्रेष्ठ सांसद का पुरस्कार भी मिल चुका है. वहीं लोकसभा चुनाव 2019 में बीकानेर सीट पर बीजेपी के अर्जुन राम मेघवाल ने अपने मौसेरे भाई कांग्रेस प्रत्याशी मदन गोपाल मेघवाल को 264081 मतों से मात दी है.
आपको बता दें कि मेघवाल उस समय चर्चा में आए जब वे बीजेपी के मुख्य सचेतक थे और उन्हें कुछ गिने-चुने सांसदों में शामिल किया गया, जो साइकिल से संसद जाना पसंद करते हैं. शपथ ग्रहण समारोह में राष्ट्रपति भवन भी अर्जुन राम मेघवाल साइकिल से ही पहुंचे थे. साथ ही मेघवाल को राजस्थान के बीकानेर में रॉबर्ट वाड्रा के कथित अवैध भूमि सौदे को प्रकाश में लाने पर भी सम्मान मिल चुका है.
गायन में विशेष रुचि
वहीं अर्जुन राम मेघवाल गायन में काफी रुचि रखते हैं. कई बार धर्मिक और सामाजिक कार्यक्रमों में भजनों की प्रस्तुति दे चुके हैं. अर्जुन राम मेघवाल अपनी दिन की शुरुआत प्राणायाम और योग से करते हैं.  मेघवाल के दो बेटे और दो बेटियां हैं. बेटा नवीन मेघवाल हांगकांग में रहता है और एक अंतरराष्ट्रीय योग गुरु है. दूसरा बेटा रवि शेखर मेघवाल सरकारी नौकरी में कार्यरत है. उनके साथ उनकी पत्नी सुशीला वर्मा आरएएस पद पर कार्यरत हैं.
बता दें कि 7 दिसंबर 1954 को जन्मे अर्जुन राम मेघवाल प्रशासनिक अधिकारी रह चुके हैं. 1977 में कानून में स्नातक स्तर की पढ़ाई पूरी करने के बाद सन् 1979 में आर्ट्स में स्नातकोत्तर की पढ़ाई पूरी की. इसके बाद सन् 1982 में उन्होंने आरएएस परीक्षा उत्तीर्ण की और फिर बाद में राजस्थान उद्योग सेवा के लिए उनके चयन हुआ. अर्जुन राम मेघवाल जिला उद्योग केंद्र में सहायक निदेशक के रूप में नियुक्त हुए. उन्होंने झुंझुनूं, धौलपुर, राजसमंद, जयपुर, अलवर और श्रीगंगानगर के जिला उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक के रूप में काम किया.
कई प्रशासनिक पदों पर कर चुके हैं काम 
वहीं वर्ष 1994 में उन्हें राजस्थान के तत्कालीन उप मुख्यमंत्री हरिश्चंद्र भाभा को विशेष ड्यूटी (ओएसडी) के अधिकारी नियुक्त किया गया था. उसी साल उन्हें राजस्थान उद्योग सेवा पेरिस के लिए राज्य अध्यक्ष के रूप में चुना गया था. फिर उन्हें बाड़मेर में अतिरिक्त कलेक्टर (विकास) बनाया गया. उन्होंने डॉ. अंबेडकर मेमोरियल वेलफेयर सोसायटी, राजस्थान के महासचिव के चुनाव जीता. फिर उन्हें भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) में पदोन्नति भी मिली. कई प्रशासनिक पदों पर काम किया उनमें उप सचिव, तकनीकी शिक्षा के विशेष सचिव, उच्च शिक्षा राजस्थान के प्रबंध निदेशक, अपर आयुक्त वाणिज्यिक कर विभाग, जिला कलेक्टर चूरू शामिल है.

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