टेक्नालॉजी

MNP कराना हुआ अब और भी आसान, अब केवल दो दिनों में बदल सकेंगे ऑपरेटर

नई दिल्ली (टेक डेस्क)। अगर आप अपने मौजूदा टेलिकॉम ऑपरेटर की सर्विस से परेशान हैं और उसे बदलना चाहते हैं तो अब आपको 7 दिनों तक इंतजार नहीं करना पड़ेगा। भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने इसी साल अप्रैल में MNP के लिए नया ड्राफ्ट तैयार किया था। इस ड्राफ्ट में MNP के लिए नई गाइडलाइन्स बनायी गई थी। इस नये गाइडलाइन्स के मुताबिक MNP कराने के लिए यूजर्स को अब ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। MNP के प्रोसेस को और भी सरल और सुविधाजनक बनाने की तैयारी है।

वर्तमान नियम में लगता है 7 दिन

ट्राई के सीनियर ऑफिशियल के मुताबिक, ट्राई की इस नई गाइडलाइन्स में टेलिकॉम ऑपरेटर्स की खराब सर्विस से जूझ रहे यूजर्स को दो दिन के अंदर ही वर्तमान ऑपरेटर को बदला जा सकेगा। फिलहाल यूजर्स टेलिकॉम ऑपरेटर को 7 दिन में बदल सकते हैं। देशभर में वर्तमान MNP के नियम के मुताबिक ज्यादा से ज्यादा 7 कार्य दिवस में ऑपरेटर को बदला जा सकता है। वहीं, जम्मू और कश्मीर एवं नार्थ-ईस्ट राज्यों के यूजर्स को 15 कार्य दिवस का समय मिलता है।

नया नियम जल्द हो सकता है लागू

TRAI के सीनियर ऑफिशर के मुताबिक, नया ड्राफ्ट किया हुआ नियम तैयार किया जा चुका है। इस नियम को पब्लिक कमेंट के लिए जल्द ही प्रकाशित किया जाएगा। इस नये ड्राफ्ट के नार्म्स के मुताबिक MNP कराने के समय को कम किया गया है। प्राधिकरण को उम्मीद है कि इस नए नार्म्स के लागू होने के बाद से यूजर्स को अपना नंबर पोर्ट कराने में कोई दिक्कत नहीं आएगी। ट्राई के अधिकारी ने इस बात पर जोर देते हुए कहा, हम चाहते हैं कि यूजर्स का नंबर 2 कार्य दिवस में ही पोर्ट हो जाए।

रिलायंस और एयरसेल यूजर्स को उठानी पड़ी परेशानी

कुछ महीने पहले ही देश के दो बड़े टेलिकॉम ऑपरेटर्स रिलायंस कम्युनिकेशन्स और एटरसेल ने अपनी टेलिकॉम सेवा बंद कर दी। इन दोनों ही टेलिकॉम ऑपरेटर्स के यूजर्स को अपना नबंर पोर्ट कराने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। अभी भी इन दोनों कंपनियों के कई यूजर्स अपना नंबर पोर्ट नहीं करा पाए हैं। इन दोनों कंपनियों के देशभर के कई सर्किल में वायरलेस सेवा बंद होने के बाद ट्राई ने MNP कराने में आने वाली खामियों के बारे में पता चला। जिसके बाद नई गाइलाइन्स को इस साल 6 अप्रैल को ड्राफ्ट किया गया।

इन दोनों ऑपरेटर्स के ज्यादातर यूजर्स को UPC (यूनिक पोर्टिंग कोड) जेनरेट करने में परेशानी आई। साथ ही UPC के रिजेक्शन का भी सामना यूजर्स को करना पड़ा। इसके अलावा प्रीपेड यूजर्स के बचे हुए बैलेंस को भी नहीं लौटाया गया। इस तरह की परेशानियों को देखते हुए ट्राई ने नये नियम के बारे में विचार किया था।

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