Sanchar Sarthi – Latest Local News, Politics, Sports & EditorialsSanchar Sarthi – Latest Local News, Politics, Sports & Editorials

Sanchar Sarthi

Home » देश-विदेश » लौह पुरुष का स्टैच्यू तैयार करने में जानें चीन का रोल, दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा की ये हैं खूबियां

लौह पुरुष का स्टैच्यू तैयार करने में जानें चीन का रोल, दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा की ये हैं खूबियां

[the_ad id="14540"]

नई दिल्‍ली [ जेएनएन ]। गुजरात में दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा बनकर तैयार हो गई है। लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की यह प्रतिमा 180 मीटर ऊंची होगी। इस प्रतिमा का नाम ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ दिया गया है। इस समय दुनिया की सबसे बड़ी प्रतिमा चीन की बुद्ध की प्रतिमा है, जो 128 मीटर ऊंची है। इसके निर्माण में चीन और मलेशिया का अहम रोल रहा है।

बता दें कि सरदार पटेल भारत के पहले गृहमंत्री और आजाद भारत के पहले उप-प्रधानमंत्री थे। देश की आजादी के बाद पटेल ने भारतीय राजाओं को अपनी रियासत को भारत में मिलाने के लिए मनाने में अहम भूमिका निभाई थी। इस विशेष योगदान के कारण उन्‍हें इतिहास में लौह पुरुष के नाम से जाना जाता है।

180 फीट ऊंची प्रतिमा के पीछे बड़ी वजह
सरदार पटेल की इस प्रतिमा की ऊंचाई गुजरात विधानसभा की कुल सीटों के बराबर रखी गई है। विधानसभा में 180 सीटें है, इ‍सलिए इसकी ऊंचाई 180 फीट रखी गई है। ये स्टैच्यू ऑफ यूनिटी दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा होगी। 31 अक्‍टूबर, 2013 को जब नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्‍यमंत्री थे, तब उन्‍होंने  केवड़‍िया में स्‍टैचू ऑफ यूनिटी की आधारशिला रखी।

स्टैच्यू ऑफ यूनिटी की खासियत 
1- स्टैच्यू के मूल ढांचे को कंक्रीट और स्‍टील से बनाया गया है। इस महीने में यानी सितंबर में चीन के टीक्‍यू आर्ट फाउंड्री के कारीगर वल्‍लभभाई की प्रतिमा का तांबे का बाहरी ढांचा बनाने में मदद करेंगे।
2- प्रतिमा का बाहरी ढांचा लगाने के लिए टीक्‍यू आर्ट फाउंड्री ने कारीगर राम सुतार ने खास भूमिका निभाई है। उनके नेतृत्‍व में तांबे के पांच हजार पैनल डिजाइन किए गए हैं। इन सभी पैनलों को पहले एक वर्कशाप में असेंबल किया जाएगा। उसके बाद चरणबद्ध तरीके से प्रतिमा का बाहरी ढांचा तैयार किया जाएगा।
3-  प्रतिमा के पैरों और धोती के लिए तांबे के उच्‍च गुणवत्ता वाले पैनल चीन से आएंगे और प्रतिमा स्‍थल पर लगाए जाएंगे।
4- प्रतिमा को पूरा करने के लिए 2400 कामगर दिन रात काम कर रहे हैं। इस काम के लिए चीन से करीब 100 कारीगरों की मदद ली गई है। प्रतिमा का स्‍टील फ्रेमवर्क बनाने का ठेका मलेशिया स्थित कंपनी एवरसेनडाई को दिया गया है, जो दुबई के मशहूर बुर्ज खलीफा और बुर्ज अल-अरब जैसी इमारतें बना चुके हैं।

2990 करोड़ रुपये का स्टैच्यू
स्टैच्यू पर कुल लागत 2990 करोड़ रुपये की है। इस खर्च में 2332 करोड़ रुपये प्रतिमा के निर्माण में और 600 करोड़ रुपये 15 साल तक रखरखाव के लिए हैं। इसमें एक हाईटेक संग्रहालय भी होगा, जिसमें भारत के स्वतंत्रता सेनानियों के 90 वर्षों का इतिहास होगा। सरदार पटेल की प्रतिमा का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 31 अक्बटूर को करेंगे।

वर्ष 2013 में शुरू हुआ काम
अक्‍टूबर, 2010 में गुजरात के तत्‍कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने ब्लॉग में लिखा था कि लौह पुरुष का एक स्मारक होगा, जिसे ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ कहा जाएगा। यह देश के लोगों के लिए ‘प्रेरणा स्रोत’ बनेगा। स्टैच्यू ऑफ यूनिटी निर्माण का कार्य वर्ष 2013 में शुरू हुआ था। यह स्‍थल अहमदाबाद से करीब 200 किलोमीटर की दूरी पर है।

 

 

Leave a Comment

[the_ad id="14784"]
[the_ad id="14787"]
What is the capital city of France?