नई दिल्ली: भारतीय टीम अगर विश्व कप 2019 का सेमीफाइनल मैच लड़कर हारी है तो इसका काफी श्रेय रविंद्र जडेजा को जाता है। जडेजा को इस विश्व कप में जब भी मौका मिला तो उन्होंने अच्छा प्रदर्शन किया। लेकिन उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन न्यूजीलैंड के खिलाफ सेमीफाइनल मैच में आया। इस मुकाबले में उन्होंने 10 ओवर में केवल 34 रन देकर 1 विकेट लिया। फील्डिंग में भी दो कैच लिए और एक जबरदस्त रन आउट किया। जबकि बल्लेबाजी में केवल 59 गेंदों पर 77 रन बना दिए। जडेजा के बारे में बात करते हुए कोहली ने कहा है कि जडेजा शानदार थे और उन्होंने पिछले दो मैचों में अच्छा खेल दिखाया। न्यूजीलैडं के खिलाफ जडेजा ने धोनी के साथ मिलकर 106 रनों की साझेदारी की थी। कोहली ने इसकी भी तारीफ की। कोहली ने मैच के बाद प्रेस क्रांफ्रेस में जडेजा और मांजरेकर के बीच हुए विवाद पर भी बात की। उन्होंने कहा कि जो कुछ पिछले हफ्ते हुआ उस पर ज्यादा कुछ नहीं कहा जा सकता है लेकिन जडेजा ने मैदान पर अपने प्रदर्शन के जरिए यह साबित किया है कि वे कितने सक्षम खिलाड़ी हैं। आपको बता दें कि मांजरेकर ने जडेजा को टुकड़ों में प्रदर्शन करने वाला खिलाड़ी कहा था। विलियमसन ने विराट कोहली से 11 साल पहले सेमीफाइनल में मिली हार का लिया बदला इस पर कोहली का कहना है कि जडेजा ने घरेलू मैचों में तीन बार तिहरे शतक लगाए हैं और उनको अपने आपको साबित करने की जरूरत नहीं है।
वहीं अगर खुद कोहली की चयन रणनीति की बात करें तो विश्व कप में टीम इंडिया की प्लेयिंग इलेवन की बात करें तो इसमे किसी ना किसी कारण से लगातार बदलाव होते रहे। खासकर विजय शंकर की चोट के बाद तो टीम में नाटकीय बदलावों का दौर देखने को मिला। पंत जो विश्व कप का हिस्सा ही नहीं थे, वह नंबर चार पर बल्लेबाजी करने लगे। जाधव की जगह पर कार्तिक टीम में आ गए और बाद में कलाई के एक स्पिनर की जगह पर जडेजा की टीम इंडिया में एंट्री हुई। जडेजा की टीम में एंट्री काफी लेट हुई लेकिन उन्होंने अपने प्रदर्शन से यह साबित कर दिया कि उनको बाहर रखना शायद विराट कोहली की एक भूल थी।