आने वाले पांच साल में देश के एमएसएमई सेक्टर में एक करौड़ नौकरियों के मौके बनने की उम्मीद है. जापान की रिसर्च फर्म नोमूरा रिसर्च इंस्टिट्यूट (एनआरआई कंसंल्टिंग एंड साल्यूशंस) की रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है. रिपोर्ट में कहा गया है कि विदेशों से खरीदने वाली कुछ चीजों को अगर घरेलू स्तर पर बनाया जाए तो देश की कंपनियों को बड़ा फायदा मिलेगा. ऐसे में नई नौकरियों के मौके बनेंगे.
विभिन्न उत्पादों की मैन्युफैक्चरिंग के लिये देशभर में बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार हों. साथ ही, इसको लेकर कई बड़े कदम उठाए जाने चाहिए. रिपोर्ट में कहा गया है कि आर्टिफिशियल ज्वेलरी, खेलकूद के सामान, वैज्ञानिक उपकरण, कपड़ा मशीनरी, बिजली के पंखे, रबड़, प्लास्टिक, चमड़ा और संबंधित उत्पादों सहित कई अन्य उत्पाद सेक्टर में एमएसएमई को और विकसित करने से रोजगार के अतिरिक्त अवसर पैदा हो सकते हैं.
क्या है रिपोर्ट में खास-नोमुरा की रिपोर्ट में कहा गया है कि देश के मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र को दोहरी जिम्मेदारी को अपने कंधों पर उठाना होगा. कृषि क्षेत्र से आने वाले लेबर्स को तो संभालना ही होगा इसके साथ ही लेबर फोर्स में शामिल होने वाले नये बल की जिम्मेदारी भी इसी क्षेत्र पर होगी.
एमएसएमई मंत्रालय की 2017-18 की सालाना रिपोर्ट के अनुसार मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र में 3.6 करोड़ यानी 70 फीसदी रोजगार का योगदान एमएसएमई क्षेत्र का रहा है. देश में विभिन्न कारोबार में एमएसएमई का विस्तार हुआ है.