इस्लाम हमदर्दी और भाईचारगी का परचम बुलन्द करने वाला मजहब है-कयामुद्दीन
इंसानियत का पैगाम देने वाले मजहबे-इस्लाम को साफ जहन वाले अम्न और मुहब्बत का मजहब मानते हैं। इस्लाम हमदर्दी और भाईचारगी का परचम बुलन्द करने वाला ऐसा दीन है जिसमें किसी भी शख्स का दिल ना दुखाने की सख्त हिदायत दी गई है. मक्की मस्जिद फजलुर्रब मदरसे के इमाम मौलाना क़यामुद्दीन ने इफ़्तार दावत के मौके़ अपनी तक़रीर में ये बात कही।
रविवार शाम पांच बत्ती चैराहा स्थित ग्रैंड बसन्त गार्डन के मखमली आंगन में आयोजित रोजा इफ़्तार दावत में कौमी एकता का बेहद खूबसूरत मंजर देखने को मिला। जोधपुर होटल एवं रेस्टोरेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष जे एम बूब और हाजी ज़फ़र खान सिन्धी ने रोज़ेदारों का भावभरा स्वागत किया।
इस मौक़े हाजी ज़फ़र खान सिन्धी ने कहा कि यदि इबादत से जन्नत और ख़िदमत से खुदा मिलता है तो ज़ाहिर है अपने लिए दुआ मांगना इबादत है और दूसरों के लिए दुआ मांगना ख़िदमत। उन्होंने सभी अभिभावकों से अपील की कि 21 से 29 के बीच शबे कद्र की रातों में जाग कर इबादत करने की बजाय बच्चे और युवा बाइक स्टंट करने, दुकानदारों और राहगीरों को परेशान करने तो घर से नहीं निकल रहे हैं, ये अवश्य सुनिश्चित किया जाना लाजमी है। इस्लाम में इस तरह के स्टंट की सख्त मनाही है। लिहाज़ा इस मुबारक महीने में अपने बच्चों को गुनाहों और ग़लत कामों से रोकने की आदत डालें ताकि वे अपनी ज़िन्दगी को संवार सकें।
इस अवसर पर नगर के अनेक मौअजि़्जज़ रोज़ेदारों ने इफ़्तार दावत में शरीक होकर मुल्क में अम्नो-शांति और रहमत की बरसात के लिए दुआएं कीं। इफ्तार दावत में डॉ गुलाम अली कामदार, कांग्रेस अध्यक्ष सईद अन्सारी, हाजी सरदार खां, अब्दुल गनी फौजदार, सैय्यद अनवर अली, इकबाल खां बैंडबॉक्स, अब्दुल जब्बार, काज़ी इकरामुद्दीन, मोइनुद्दीन खां, एडवोकेट रिड़मल खां, आर के मेहर पोकरण समेत अनेक गणमान्य रोजे़दार मौजूद थे. आखिर में हाजी ज़फ़र खान सिन्धी ने शुक्रिया अदा किया.
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