शिक्षा और शादी को लेकर शेखावाटी के मुस्लिम समुदाय के युवाओं ने बड़ा निर्णय किया है. इस निर्णय के मुताबिक अब वे बच्चों की शादियों में फिजूलखर्ची नहीं करेंगे. यह पैसा बच्चों की शिक्षा पर खर्च की जाएगा. बच्चों को काबिल बनाकर ही उनकी शादियां की जाएगी. बेटियों को भी पढ़ा लिखाकर उन्हें काबिल बनाया जाएगा.
‘बेटी ही दहेज’ थीम पर हुआ ईद मिलन समारोह
यह निर्णय हाल ही में सऊदी अरब के रियाद में आयोजित हुए ईद मिलन समारोह में किया गया. समारोह में सऊदी अरब में रह रहे शेखावाटी के सीकर, चूरू और झुंझुनूं समेत नागौर के युवाओं ने शिरकत की. ‘बेटी ही दहेज’ थीम पर आयोजित समारोह में इस बात पर जोर दिया गया कि बेटियों को पढ़ाया जाए और उन्हें काबिल बनाया जाए.
87 लोगों को किया सम्मानित
आयोजन से जुड़े मोहम्मद गुलाम खान सोती ने बताया की समारोह के मुख्य अतिथि इण्डियन एम्बेसडर ओसाफ सैयद थे. अध्यक्षता डीसीएम इण्डियन एम्बेसी डॉ. शोहेल इजाज खान ने की. विशिष्ट अतिथि इण्डियन एम्बेसी के कांउसलर शील भादरा थे. समारोह में 87 ऐसे लोगों को सम्मानित किया गया, जिन्होंने अपने बेटे-बेटियों की शादी बिना किसी फिजूलखर्ची और दहेज के की. वक्ताओं ने ऐसे लोगों से प्ररेणा लेने का आह्वान किया.
जिसने शिक्षा का दामन थाम लिया उसने तरक्की की राह पकड़ी
मुख्य अतिथि एम्बेसडर ओसाफ सैयद ने कहा कि शादियों में अनावश्यक खर्च बंदकर उसे बच्चों की तालिम पर खर्च करें. सैयद ने कहा जिस कौम ने शिक्षा का दामन थाम लिया है, उसने तरक्की की राह पकड़ ली है.