मुंबई। अक्षय कुमार ने 9 सितम्बर को अपना 51वां जन्म दिन मनाया। हिंदी सिनेमाा में अक्षय ने अपने लिए एक ख़ास जगह बनायी है। एक्शन फ़िल्मों से करियर शुरू करके उन्होंने एक बहुआयामी कलाकार के तौर पर ख़ुद को स्थापित कर लिया है, जो जितनी आसानी से लात-घूंसे चला सकता है, उतनी ही आसानी से आंखों में आसूं ला सकता है। अक्षय की फ़िल्मों के विषयों में भी कमाल का संतुलन देखने को मिलता है। विशुद्ध मसाला फ़िल्मों से लेकर संजीदा विषय भी वो चुन रहे हैं। इसके अलावा कुछ और बातें हैं, जो उनके फ़िल्म चुनाव में देखने को मिलती हैं।
पिछले कुछ सालों में रिलीज़ होने वाली अक्षय कुमार की फ़िल्मों पर अगर ग़ौर करें, तो एक पैटर्न देखने को मिलता है। लगभग हर फ़िल्म में अक्षय एक नई हीरोइन के साथ पेयर-अप होते हैं, जो स्टारडम के मामले में उतनी मशहूर नहीं होती, जितने ख़ुद अक्षय हैं। इसके पीछे क्या वजह हो सकती हैं? इस सवाल का जवाब खोजेंगे, पर पहले नज़र डाल लेते हैं उन फ़िल्मों पर, जिनमें अक्षय ने अपनी हीरोइन रिपीट नहीं की।
इसी साल आयी ‘पैडमैन’ में अक्षय कुमार की लीडिंग लेडी राधिका आप्टे थीं, जिन्होंने अक्षय की पत्नी का किरदार निभाया। ये दोनों पहली बार साथ आये। आर बाल्की निर्देशित बायोपिक फ़िल्म की कहानी कम क़ीमत के सैनिटरी पैड बनाने वाले अरुणाचलम मुरुगानंथम पर आधारित है। इस फ़िल्म में अक्षय के साथ सोनम कपूर भी नज़र आयीं, जो इससे पहले ‘थैंक यू’ में अक्षय के साथ काम कर चुकी हैं, मगर इस बार भी अक्षय और सोनम की सीधी पेयरिंग नहीं थी।2017 में आयी ‘टॉयलेट- एक प्रेम कथा’ में अक्षय कुमार पहली बार भूमि पेडनेकर के साथ नज़र आये। वहीं ‘जॉली एलएलबी 2’ में अक्षय ने पहली बार हुमा कुरैशी के साथ जोड़ी बनायी। 2016 में भी अक्षय की तीन फ़िल्में आईं थीं। साजिद फ़रहाद निर्देशित ‘हाउसफुल 3’ में वो जैकलीन फर्नांडिसके साथ पेयर्ड अप हुए। जैकलीन के साथ अक्षय की दूसरी फ़िल्म थी। इससे पहले वो उनके साथ ‘ब्रदर्स’ में पेयर अप हुए थे।
राजा कृष्ण मेनन की फ़िल्म ‘एयरलिफ़्ट’ में निमरत कौर उनकी लीडिंग लेडी बनीं। ये फ़िल्म एक सच्ची घटना से प्रेरित थी। ‘रुस्तम’ में इलियाना डिक्रूज़ के साथ अक्षय की जोड़ी बनी। टीनू सुरेश देसाई निर्देशित फ़िल्म मशहूर नानावटी केस पर आधारित थी। 2015 में ‘ब्रदर्स’ के अलावा अक्षय की तीन और फ़िल्में आईं- ‘बेबी’, ‘सिंह इज़ ब्लिंग’ और ‘गब्बर इज़ बैक’ और तीनों में उनके ऑपोज़िट फ़्रेश फेसेज़ ही थे।
नीरज पांडेय की ‘बेबी’ में अक्षय के अपोज़िट मधुरिमा टुली नज़र आयीं। अक्षय फ़िल्म में सीक्रेट एजेंसी के अधिकारी बने थे। प्रभु देवा निर्देशित ‘सिंह इज़ ब्लिंग’ में एमी जैक्सन पहली बार अक्षय के साथ नज़र आयीं। हिंदी सिनेमा में एमी की ये दूसरी फ़िल्म थी। एटंरटेनमेंट में तमन्ना भाटिया पहली बार उनकी हीरोइन बनीं।
‘गब्बर इज़ बैक’ में श्रुति हासन अक्षय की हीरोइन बनीं। हालांकि कृष निर्देशित इस फ़िल्म में उनकी पत्नी के रोल में करीना कपूर ने गेस्ट एपीयरेंस दी थी। 2011 में रोहित धवन निर्देशित ‘देसी बॉयज़’ में अक्षय कुमार पहली बार चित्रांगदा सिंह के साथ पेयर अप हुए।2019 में आ रही ‘केसरी’ में अक्षय परिणीति चोपड़ा के साथ पहली बार दिखेंगे। अगले साल रिलीज़ हो रही यह फ़िल्म बैटल ऑफ़ सारागढ़ी की कहानी पर आधारित है, जिसमें अक्षय हवलदार ईश्वर सिंह के किरदार में नज़र आएंगे।’हाउसफुल 4′ में अक्षय की पेयरिंग पहली बार कृति सनोन के साथ हुई है, जिसे साजिद ख़ान डायरेक्ट कर रहे हैं। हालांकि इससे पहले कृति अक्षय के साथ ‘सिंह इज़ ब्लिंग’ करने वाली थीं, मगर उन्होंने ऐन वक़्त पर फ़िल्म छोड़ दी थी, जिसके बाद एमी जैक्सन की एंट्री हुई। ‘गुड न्यूज़’ में अक्षय के साथ करीना कपूर हैं, जो उनके साथ कई फ़िल्में कर चुकी हैं।
सोनाक्षी सिन्हा हैं अपवाद
एक्ट्रेसेज़ की मौजूदा जनरेशन में सिर्फ़ सोनाक्षी सिन्हा ऐसी एक्ट्रेस हैं, जिनके साथ अक्षय ने चार फ़िल्में ‘जोकर’, ‘राउड़ी राठौड़’, ‘वंस अपॉन ए टाइम इन मुंबई दोबारा’ और ‘हॉलीडे’ में काम किया है। वैसे अक्षय की फ़िल्मों की कामयाबी के रेशो को देखते हुए लगता है कि हीरोइन बदलने की उनकी ये रणनीति काम आ रही है।
तक़रीबन हर फ़िल्म में एक नए चेहरे के संग काम करने के बारे में जब एक इवेंट में अक्षय से पूछा गया था, तो उन्होंने कहा था- ”नए चेहरों के साथ काम करने के लिए उन्हें जो बात प्रेरित करती है, वो है बदलाव। अपने करियर को लंबा चलाने के लिए अपने दर्शकों को बांधे रखना ज़रूरी है। जब मैं किसी नई एक्ट्रेस के साथ काम करता हूं तो दर्शकों को ये अंदाज़ा नहीं होता कि उनके साथ फ़िल्म में मेरा कनेक्शन कैसा होगा।”