जोधपुर। आफताबे जोधपुर हज़रत ख्वाजा अब्दुल लतीफ शाह नज़्मी सुलैमानी चिश्ती अल फारूक़ी रहमतुल्लाहि अलैहि का 116वां उर्स मुबारक गुस्ल के बाद गुरूवार को झण्डे की रस्म के साथ ही शुरू हुआ। झण्डे की रस्म के साथ ही बढ़ी संख्या में अकीदतमंद जायरीन की भीड़ उमड़ पड़ी।
दरगाह नाज़िम पीर कारी मोहम्मद अबुल हसन मीनाई ने बताया कि ख्वाजा अब्दुल लतीफ़ शाह के 116वें उर्स के कार्यक्रम 27 फरवरी बुधवार से गुस्ल की रस्म के साथ शुरू हुए। गुरूवार को विधिवत रूप से झण्डे की रस्म अदा की गई और देर रात औलमाए किराम की बयानात का प्रोग्राम जारी रहा।
सज्जादानशीन पीर मोहम्मद नजमुल हसन नजमी सुलैमानी चिश्ती ने बताया कि गुरूवार को जोहर की नमाज़ के बाद लंगर व महफिल के बाद अस्र की नमाज़ के बाद भोले पीर साहब की दरगाह खारीया कुआ से मोहम्मद सईम मीनाई चिश्ती की तरफ से एक नूरानी जुलूस के रूप में दरगाह शरीफ पर संदल और झण्डे की रस्म अदा की गई। इस मौके पर सैंकड़ों की तादाद में अकीदतमंद जायरीन के आलवा अ.रशीद पप्सा, पीर कमरूल हसन मीनाई, छोटू उस्ताद, आरिफ खां, आदिल जीलानी, अमजद खान इत्यादि उपस्थित थे।
समाचार लिखे जाने तक औलमाए किराम की तकरीर का प्रोग्राम जारी था जिसमें ख्वाजा अब्दुल लतीफ शाह रहमतुल्लाहि अलैहि की जीवनी और औलामए किराम के बताए भाईचारा और अमन रास्ते पर चलने के लिए बताया गया। यह कार्यक्रम मुफ्तीए आजम राजस्थान हजरत मौलाना शेर मोहम्मद खान रजवी के सानिध्य में हुआ जिसमें हाफिजो कारी नूर मियां, हजरत मौलाना फय्याज़ अहमद रजवी, मौलाना कारी मोहम्मद इकराम ने शानदार तकरीरें पेश कीं वहीं मौलाना अबुल कलाम नूरी और बैयतुल्लाह हसन मीनाई (झारखण्ड) के अलावा मोहम्मद शरीफ पालवी ने नातिया कलाम पेश किए।
दरगाह नाजिम के अनुसार शुक्रवार को पीर अब्दुल रज्जाक मीनाई की तरफ से महफिले सिमां और मोहम्मद अय्यूब मीनाई की तरफ से चादर शरीफ बाद नमाज अस्र पेश की जाएगी। उर्स में भाग लेने के लिए जोधपुर सहित बड़ी संख्या में जायरीन दरगाह पहुंच रहे हैं। उर्स 5 मार्च तक चलेंगे।
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