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राहुल गांधी ने कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफे का किया ऐलान

लोकसभा चुनाव में मिली हार की जिम्मेदारी लेते हुए राहुल गांधी ने बुधवार को आधिकारिक रूप से कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया। राहुल ने कहा कि 2019 के लोकसभा चुनाव में पार्टी को मिली हार की वह जिम्मेदारी लेते हैं और इसलिए वह कांग्रेस अध्यक्ष पद से अपना इस्तीफा दे रहे हैं।

इससे पहले राहुल ने कहा कि पार्टी अध्यक्ष पद पर बने रहने की उनकी कोई चाहत नहीं है और कांग्रेस कार्यकारी समिति (सीडब्ल्यूसी) को इस पद के लिए शीघ्र ही किसी और व्यक्ति को ढूंढ लेना चाहिए। बताया जा रहा है कि नए अध्यक्ष की नियुक्ति होने तक कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मोतीलाल वोरा अध्यक्ष पद का कार्यभार देखेंगे।

एएनआई के मुताबिक राहुल ने कहा, ‘पार्टी को आगे बिना देरी किए जल्द ही नए अध्यक्ष पर फैसला कर लेना चाहिए। मैं कहीं भी प्रक्रिया में नहीं हूं।’ उन्होंने कहा, ‘मैंने अपना इस्तीफा पहले ही सौंप दिया है और मैं अब कांग्रेस अध्यक्ष नहीं हूं। सीडब्ल्यूसी को जल्द से जल्द बैठक बुलाकर अगले कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए नियुक्ति करनी चाहिए।’

बता दें कि मंगलवार को कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने राहुल गांधी से मुलाकात की और उन्हें अध्यक्ष पद पर बने रहने का आग्रह किया। इस मुलाकात से पहले राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने ट्वीट में कहा कि राहुल गांधी ही पार्टी का नेतृत्व कर सकते हैं और देश हित और नागरिकों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता बेमिसाल है लेकिन राहुल ने गहलोत के निवेदन को सिरे से खारिज कर दिया।

बता दें कि लोकसभा चुनाव 2019 के नतीजे सामने आने के बाद कांग्रेस पार्टी मंथन एवं संक्रमण के दौर से गुजर रही है। चुनाव में पार्टी की मिली भीषण हार की जिम्मेदारी लेते हुए राहुल गांधी ने अपने इस्तीफे की पेशकश की। गत 25 मई को हुई सीडब्ल्यूसी की बैठक में उनके इस्तीफे की पेशकश ठुकरा दी गई लेकिन राहुल अपने फैसले पर कायम रहे।

इस बैठक में राहुल ने अफसोस जताया कि चुनाव में कांग्रेस के कुछ नेताओं ने पार्टी से ज्यादा अपने बेटों के राजनीतिक भविष्य के बारे में चिंता की। उनका इशारा अशोक गहलोत, कमलनाथ और पी चिदंबरम की तरफ था। इनमें कमलनाथ के बेटे नकुल नाथ और चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम को जीत मिली लेकिन गहलोत के बेटे वैभव गहलोत जोधपुर सीट से चुनाव हार गए।

चुनाव नतीजों को आए एक महीने से ज्यादा का वक्त बीत जाने के बाद अध्यक्ष पद पर बने रहने के लिए कांग्रेस पार्टी राहुल गांधी को मना नहीं पाई। कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि पिछले एक सप्ताह से पार्टी अध्यक्ष पद के लिए किसी अंतिम राय पर नहीं पहुंच पा रही थी। मंगलवार को राहुल गांधी ने कांग्रेस के पांच मुख्यमंत्रियों गहलोत, भूपेश बघेल, अमरिंदर सिंह, कमलनाथ और वी नारायणसामी से मुलाकात की। समझा जाता है कि इस बैठक में राहुल ने इन राज्यों में पार्टी के प्रदर्शन पर चर्चा की।

बताया जाता है कि चुनाव में जिन राज्यों में कांग्रेस का प्रदर्शन बेहद खराब रहा, उन राज्यों के नेताओं एवं पदाधिकारियों ने न तो हार की जिम्मेदारी ली और न ही अपना इस्तीफा दिया। इस बात से राहुल काफी आहत हुए। यहां तक कि उनके इस्तीफे की पेशकश के बाद भी नेता अपनी जिम्मेदारी लेते हुए नहीं दिखाई दिए।

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