नागौर

मदरसा पैराटीचर्स को नियमित करने व मानदेय वृद्धि की मांग को लेकर विशाल धरना

बजट में मिला धोखा, मदरसा पैराटीचर्स को नियमित करने व मानदेय वृद्धि की मांग को लेकर विशाल धरना 22 से 28 जुलाई तक चलेगा धरना मांगे पूरी नहीं होने पर जयपुर में 29 जुलाई को होगा प्रदेश स्तरीय आंदोलन

राजस्थान मदरसा शिक्षा सहयोगी संघ की ओर से पूरे प्रदेश में 22 जुलाई से 28 जुलाई तक मदरसा पैराटीचर्स को नियमित करने, मानदेय वृद्धि की मांग, नियमतिकरण की प्रक्रिया पूर्ण नहीं होने तक, मानदेय 25 हजार प्रतिमाह एवं विद्यालय सहायक भर्ती 2015 के लिए सुप्रीम कोर्ट में सरकारी वकील से इसकी मज़बूत पैरवी करवाई जाये‘ आदि मांगो को लेकर प्रदेश स्तरीय विशाल धरना आयोजित किया जा रहा है। मदरसा पैराटीचर्स विगत 5 से 18 वर्षो से न्यूनतम मजदूरी से भी कम मानदेय पर कार्यरत है। इतने कम मानदेय पर पूरे परिवार का भरण पोषण करना असंभव है। मदरसा पैराटीचर्स की ओर से किये गए कार्य तृतीय श्रेणी षिक्षक के समान है। शिक्षण कार्य के साथ-साथ मदरसा पैराटीचर्स पोषाहार से लेकर बी.एल.ओ, चुनावी ड्यूटी आदि सरकारी कार्यो को अंजाम दे रहे है। प्रदेश संयोजक रहमत अली ने कहा कि विधानसभा चुनावी घोषणा पत्र 2018 के पेज नं. 34, बिन्दु क्रम संख्या 25, उप बिन्दु 5 में सरकार की ओर से मदरसा पैराटीचर्स को नियमित करने का वादा किया गया है लेकिन आज तक न ही मानदेय पर कोई ठोस निर्णय लिया है और न ही नियमितिकरण पर कोई उचिव कार्यवाही की गई।

राजस्थान बजट 2019 में सरकार की ओर से अल्पसंख्यक समाज एवं मदरसा पैराटीचर्स की अनदेखी की गई। इस बजट से पूर्व सरकार की ओर से उक्त मांगो के लिए एक कमेटी का गठन भी किया गया था वो भी सिर्फ छलावा ही साबित हुई है। इन्ही सभी बातों का विरोध करने के लिए मदरसों में कार्य बहिष्कार कर, ये धरना दिया जा रहा है। जो 22 से 28 जुलाई 2019 चलेगा। यदि इन दिनों में मांगे नही मानी गई तो आगामी 29 जुलाई 2019 को प्रदेश भर से राजधानी जयपुर कूच करेंगे।

मीडिया निमंत्रण:- धरने में जिले के सैकड़ों मदरसों के हजारों पेराटीचर्स सम्मिलित हो रहे है।

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