एसटी-एससी बिल के विरोध में आज सुबह 10 से शाम 4 बजे तक राजस्थान में बाजार बंद
जयपुर. केंद्र सरकार की ओर से एसटी-एससी बिल में लाए गए संशोधन बिल के विरोध में सर्व समाज संघर्ष समिति ने गुरुवार को राजस्थान बंद का आह्वान किया है। अपील की गई है कि सुबह 10 से शाम 4 बजे तक प्रतिष्ठान बंद रखें। बंद को लेकर ब्राह्मण, अग्रवाल, राजपूत, कायस्थ सहित कई समाजों ने समर्थन दिया है।
समिति के सदस्य सुनील शर्मा ने बताया कि गुरुवार को शांतिपूर्ण तरीके से जयपुर बंद होगा। जो दुकानदार बंद नहीं करेंगे उन्हें गुलाब का फूल देकर समर्थन मांगा जाएगा। राजस्थान व्यापार महासंघ ने भी बंद का समर्थन किया है। महासंघ के अध्यक्ष सुरेंद्र गुप्ता ने यह जानकारी दी। समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि अगर अब भी राज्य सरकार का ये ही रवैया रहा तो प्रदेश में दंगे भड़कने की संभावना है। समिति सिर्फ इतना चाहती है कि योगी सरकार की तरफ से जनरल व ओबीसी वर्ग को ये आश्वासन मिले कि निर्दोष व्यक्ति की गिरफ्तारी नहीं हो। यूपी में योगी सरकार ने इस मामले में अग्रिम जमानत का प्रावधान जोड़ने को लेकर विधेयक लाने का आश्वासन दिया है। समिति चाहती है कि राज्य सरकार भी कुछ ऐसा ही निर्णय करें।
जयपुर के लिए ये तैयारी : जयपुर बंद कराने के लिए तीन अलग-अलग टोलियां काम करेंगी। समता आंदोलन समिति व कई समाजों के लोग बड़ी चौपड़ पर एकत्र होकर निकलेंगे। टोंक रोड से परशुराम सेना और झोटवाड़ा में राजपूत समाज बंद की जिम्मेदारी संभालेगा।
आरोप ये कि… यदि राज्य सरकार चाहती तो बंद की नौबत न अाती : सर्व समाज संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने कहा- सीएम से लेकर मंत्री अरुण चतुर्वेदी व राजेंद्र राठौड़ तक से संपर्क किया था, लेकिन ठोस आश्वासन नहीं मिलने की वजह से ये हालात बने हैं।
कुछ स्कूल भी बंद : बंद के मद्देनजर कुछ स्कूलों ने एहतियात के तौर पर छुट्टी की घोषणा की है।
देखिए…क्या कहते हैं आंकड़े
– 61,390 केस दर्ज हुए 10 साल में
– 25544 में कोर्ट में चालान पेश हुए
– 35189 में एफआर लगा पेश किया
– 4990 व्यक्तियों को सजा सुनाई गई
– 9118 व्यक्ति निर्दोष करार दिए गए
*एससी-एसटी एक्ट में दर्ज मामलों के आंकड़े साल 2008 से 2017 के बीच के हैं।
इन राज्यों में भी बंद की तैयारी : समिति के अनुसार यूपी, एमपी, बिहार सहित कई राज्यों में बिल के विरोध में भी गुरुवार को बंद रहेगा।
ऐसे समझें…क्या है पूरा मामला : पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने एसटी-एससी एक्ट के मामलों में तत्काल गिरफ्तारी पर रोक के खिलाफ फैसला दिया था। इसके बाद एसटी-एससी समुदाय ने देश बंद कराकर विरोध जताया था। इस पर केंद्र सरकार एसटी-एससी संशोधन बिल लेकर आई। इसमें तत्काल गिरफ्तारी बरकरार रखी गई है। जनरल व ओबीसी वर्ग इसका विरोध कर रहा है। उनका कहना है कि एसटी-एससी को जातिसूचक शब्दों व अत्याचार के अधिकांश मामले झूठे पाए गए हैं।