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लाइब्रेरी टेक्नोलॉजी रिलेशनशिप पर दो दिवसीय इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस का आयोजन

इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस
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पुस्तकालय ज्ञान का खजाना, इनके उपयोग से जीवन संवरने की गारंटी: पारस जांगिड़ 

इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस
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इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस में अस्लीप की स्थापना, कार्यों और उद्देश्यों पर विस्तार से प्रकाश डाला

जोधपुर। एसोसिएशन ऑफ़ सीनियर लाइब्रेरी एंड इनफार्मेशन प्रोफेशनल्स (अस्लीप) व जेएलएन  मेडिकल कॉलेज अजमेर के संयुक्त तत्वावधान में लाइब्रेरी टेक्नोलॉजी रिलेशनशिप पर दो दिवसीय इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस का आयोजन शुक्रवार को  जेएलएन मेडिकल कॉलेज कैंपस अजमेर में शुरू हुई। इस कॉन्फ्रेंस के मुख्य अतिथि अजमेर जेल के सुपरिंटेंडेंट आरपीएस पारस जांगिड़ थे व गेस्ट ऑफ़ ऑनर महात्मा गाँधी यूनिवर्सिटी ऑफ़ मेडिकल साइंस के प्रोफेसर डॉ. यू़ सिंह थे।
कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्जवल्लन व पधारो म्हारे देश की तर्ज पर देश के विभिन्न भागों से पधारे पुस्तकालय अध्यक्षों व पुस्तकालय-विशेषज्ञों के स्वागत भाषण से हुई। जेएलएन मेडिकल कॉलेज के एडिशनल प्रिंसिपल डॉ. एस.के. भास्कर ने अपने यहां आयोजित इस अंतरराष्ट्रीय स्तर की कॉन्फ्रेंस में पधारे सभी पुस्तकालय और सूचना विज्ञान विशेषज्ञों का स्वागत किया।
कॉन्फ्रेंस में अस्लीप के प्रेजिडेंट डॉ. आर.पी. कुमार ने अपने अध्यक्षीय भाषण में अस्लीप की स्थापना, कार्यों और उद्देश्यों पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि आज पुस्तकालयों के सामने सूचना व्यवस्थापन की चुनौतियां आ रही है जिसकी वजह से पुस्तकालय संगठन इन समस्याओं के समाधान में आगे आ रहे हैं। वहीं अस्लीप के जनरल सेक्रेटरी डॉ. राजकुमार ने कॉन्फ्रेंस के बारे में विस्तार से बताया कि दो दिनों में लाइब्रेरी सर्विसेज और लाइब्रेरियन से संबंधित अनेक नई तकनीकों पर रिसर्च पेपर्स प्रस्तुत किए जाएंगे।
कॉन्फ्रेंस में की-नोट स्पीकर के रूप में बोलते हुए विक्रम यूनिवर्सिटी की पुस्तकालय विज्ञान की प्रो. डॉ. सोनल सिंह ने वर्तमान समय में लाइब्रेरीज में आ रही नई चुनौतियों, उनके समाधानों और विभिन्न सूचना तकनीकों का वर्णन किया और कहा कि आज कृत्रिम बुद्धिमत्ता के समय में पुस्तकालयों को ओर स्मार्ट रूप से कार्य करने की आवश्यकता है।

इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस
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कॉन्फ्रेंस में मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए पारस जांगिड़ ने पुस्तकालयों को ज्ञान का खजाना बताते हुए ऐसे अनेक उदाहरण दिए जिससे केवल पुस्तकालयों के बेहतर ओर लगातार उपयोग से ही उनका जीवन सुधर गया। जांगिड़ ने बताया कि आज कई जेलों में पुस्तकालयों की स्थापना और कैदियों द्वारा उनके उपयोग से उनके जीवन में बदलाव हुआ है और उनको समाज की मुख्य धारा में शामिल करने में सहायता मिली है। जांगिड़ ने आज के युवाओं को सरलता से उपलब्ध इंटरनेट के जमाने में पुस्तकालयों की तरफ पुनः मोड़ने का आह्वान किया।
कांफ्रेंस के ऑर्गेनाइजिंग सेक्रेट्री कम्मर अब्बास ने अस्लीप और जेएलएन मेडिकल कॉलेज के मुख्य पदाधिकारियों व कॉन्फ्रेंस में भाग लेने वाले सभी पुस्तकालय अध्यक्षों का धन्यवाद करते हुए बताया कि कॉन्फ्रेंस में डिजिटल लाइब्रेरी, मोबाइल लाइब्रेरी, क्लाउड टेक्नोलॉजी इन लाइब्रेरी, लाइब्रेरी इन मॉडर्न टेक्नोलॉजी एरा, इनफॉरमेशन लिटरेसी, इलेक्ट्रॉनिक रिसोर्स मैनेजमेंट, आरएफआईडी इंप्लीमेंटेशन, इंक्रीजिंग रीडिंग हैबिट्स, ग्रीन लाइब्रेरी, इलेक्ट्रॉनिक लाइब्रेरी, डिजिटल इन्नोवेशन इन लाइब्रेरी, रोल ऑफ़ लाइब्रेरी इन सोशल मीडिया, वेब बेस्ड टूल्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग इन लाइब्रेरी, लाइब्रेरी फैसिलिटी फॉर विजुअली इंपेयर्ड परसंस, लाइब्रेरी एंड इनफार्मेशन नेटवर्क्स आदि विषयों पर पुस्तकालय विशेषज्ञ चर्चा करेंगे।
कांफ्रेंस के प्रथम दिन आज अस्लीप की और से कई प्रतिष्ठित अवार्ड भी दिए गए जिसमें अस्लीप इंटरनेशनल लाइब्रेरी रत्न अवार्ड डॉक्टर पीके गुप्ता को, अस्लीप लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड डॉ. सोनल सिंह को, अस्लीप बेस्ट सीनियर  लाइब्रेरियन अवार्ड डॉ. पीके संधू को, अस्लीप बेस्ट स्कूल लाइब्रेरियन अवार्ड डॉ. सर्वेश पारीक, अस्लीप बेस्ट प्रोग्रेसिव लाइब्रेरी अवार्ड, डॉ दीप्ति मदान व कम्मर अब्बास, अस्लीप अवार्ड 80 प्लस ऐज एस.के.ए. काजमी व डॉ उषा पवन को नवाजे गए।
शुक्रवार को कांफ्रेंस क़े उद्घाटन समारोह में एस एन मेडिकल कॉलेज की लाइब्रेरियन बिन्दु टाक, डॉ सुनील कुमार माथुर, डॉ. संजीव माहेश्वरी, डॉ. गीता पचौरी, डॉ. रमाकांत दीक्षित, जसराज मेघवाल, डॉ. दीप सिंह, डॉ राजकुमार भाकर आदि उपस्थित रहे।
शुक्रवार को प्रथम दिन शाम क़ो अजमेर की हिंदी परिषद् की अध्यक्ष डॉ. मधु खंडेलवाल क़े कोर्डिनेशन में राजस्थानी थीम पर रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम हुआ जिसमे कत्थक क़े नेशनल अवार्डी पद्मजा रंगा व उनकी टीम व रामु मारवाड़ी अपने प्रस्तुतियों से अलग अलग राज्यों से पधारे प्रतिभागियों का मनोरंजन किया।

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