चोरड़िया भवन में विराजित सुमति मुनि ने फरमाया कि सुख का गुलाम बनने पर भिखारी भाव आ जाते है। गुलाम व भिखारी को हर जगह से दुत्कार मिलती है। हम जिनशासन के साधक है, प्रत्येक मिले हुए अवसर का सदुपयोग करें। करने योग्य कार्य करना एवं छोडने योग्य कार्य को जो छोड़ देता है, वह अवसर का पंडित है। द्वैपायन ऋषि के कोप के कारण द्वारिका छः माह तक जलती रही। उस समय द्वेपायन ने कहा जो दीक्षा ग्रहण करना चाहता है, वह बच जायेगा। लेकिन कूपदारूक के सिवाय किसी ने भी संयम नहीं लिया। बाकी सभी नगर वासी,पशु-पक्षी भस्मीभूत हो गय। गलत कार्यों में बुद्धि लगाने को कुबुद्धि कहा गया है। हमारी शरीर रूपी द्वारिका जलने वाली है, जहाँ उत्पत्ति है वहाँ विनाश है। इस शरीर से साधना, धर्म ध्यान करना है। धर्म के नाम पर, धर्म का दिखावा कर ठगना महामोहनीय कर्म का बंधन करना है।
साध्वी ने फरमाया कि श्रीकृष्ण के सामने द्वारिका जल रही थी लेकिन वे कुछ नहीं कर सके क्योंकि, लोगों की मूढ़ता के कारण वे संयम नहीं ले सेके। यादव वंश समूह में पिकनिक मनाने गए । अक्सर समूह में जाने से सप्त कुव्यसन प्रवेश करते हैं। समूह में द्वैपायन का मजाक उड़ाया गया,पीटा गया। नशे में भान नहीं रहने का परिणाम द्वारिका को भोगना पड़ा। श्री कृष्ण की आठ प्रमुख रानियों में सत्यभामा का मजाक उड़ाया जाता था, वह मेकअप ज्यादा करती थी। परमात्मा से पूर्व भव पूछने पर परमात्मा ने बताया कि शीतल जिन परमात्मा के समय तुम राजपुरोहित थे एवं तुमने शास्त्रों में फेरबदल किया। तुमने शराब पीने, कन्यादान करने व बिना पुत्र के मोक्ष नहीं होना आदि उत्प्रेरणा की।
संघ के अध्यक्ष देवराज बोहरा ने बताया कि 25 अगस्त को आचार्य शुभचन्द्र मसा की पुण्यतिथि त्याग व तपस्या के साथ मनाई जायेगी। इससे पूर्व 24 अगस्त की एकासन दिवस मनाया जाएगा रविवार की सुबह 8.30 से 11.30 तक जयमल पाठशाला के विभिन्न केंद्रों के बच्चों का ज्ञान शिविर रखा गया है। मधु बोहरा ने दस की तपस्या ग्रहण की।
साध्वी ने फरमाया कि श्रीकृष्ण के सामने द्वारिका जल रही थी लेकिन वे कुछ नहीं कर सके क्योंकि, लोगों की मूढ़ता के कारण वे संयम नहीं ले सेके। यादव वंश समूह में पिकनिक मनाने गए । अक्सर समूह में जाने से सप्त कुव्यसन प्रवेश करते हैं। समूह में द्वैपायन का मजाक उड़ाया गया,पीटा गया। नशे में भान नहीं रहने का परिणाम द्वारिका को भोगना पड़ा। श्री कृष्ण की आठ प्रमुख रानियों में सत्यभामा का मजाक उड़ाया जाता था, वह मेकअप ज्यादा करती थी। परमात्मा से पूर्व भव पूछने पर परमात्मा ने बताया कि शीतल जिन परमात्मा के समय तुम राजपुरोहित थे एवं तुमने शास्त्रों में फेरबदल किया। तुमने शराब पीने, कन्यादान करने व बिना पुत्र के मोक्ष नहीं होना आदि उत्प्रेरणा की।
संघ के अध्यक्ष देवराज बोहरा ने बताया कि 25 अगस्त को आचार्य शुभचन्द्र मसा की पुण्यतिथि त्याग व तपस्या के साथ मनाई जायेगी। इससे पूर्व 24 अगस्त की एकासन दिवस मनाया जाएगा रविवार की सुबह 8.30 से 11.30 तक जयमल पाठशाला के विभिन्न केंद्रों के बच्चों का ज्ञान शिविर रखा गया है। मधु बोहरा ने दस की तपस्या ग्रहण की।
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