जोधपुर 23 अगस्त 025
जिस प्रकार नदी में गंगा नदी, पर्वतों में मेरु पर्वत, वृक्षों में कल्पवृक्ष, मंत्रों में नवकार मंत्र उसी प्रकार सूत्रों में महासुत्र कल्प सुत्र है यह उद्गार सूत्र का वाचन करते हुए तपोरत्नसुरि के शिष्य गणिवर्य ने नगर स्थित क्रिया भवन में चल रहे पर्यूषण पर्व दौरान कहे उन्होंने कहा कि इस सूत्र में समस्त सूत्रों का सार समाया हुआ है ऐसी सूत्रों का श्रद्धा पूर्वक श्रवण करने से आत्मा तिर जाती है। संघ प्रवक्ता धनराज विनायकिया नेै बताया कि इससे पूर्व लाभार्थी श्रावक किशोर राज संघवी परिवार परिजनों व विभिन्न लाभार्थी परिवारों द्वारा 5 ज्ञान पूजा अर्चना कर जैनम जयति शासनम शासनम जयघोषो के साथ जैनों का महानतम सूत्र कल्पसूत्र पूजा अर्चना विधि विधान से गुरुदेव को अर्पण किया गया।
संघ के ललित पोरवाल विनायकिया ने बताया पर्व के पांचवे दिन 14 सपनाजी के चढ़ावे के पश्चात महावीर जन्म वाचन का भव्य नजारा
सहित महावीर स्वामी का पालना श्रीसंघ के साथ लाभार्थी परिवार द्धारा भक्ति संध्या में कई नामचीन प्रसिद्ध कलाकारों द्वारा प्रभू भक्ति की जाएगी।




