जैसलमेर। जैसलमेर स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में थार हेरिटेज म्यूजियम में “जैसलमेर की सांस्कृतिक विरासत एवं संरक्षण” विषय पर विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता पूर्व विधायक रूपाराम धणदे ने कहा कि “जैसलमेर का सांस्कृतिक वैभव अनूठा है, जिसे देखने देश-विदेश से लोग आते हैं। हमें अपनी संस्कृति पर गर्व करना चाहिए और बदलते समय में इसके संरक्षण की आवश्यकता पहले से अधिक बढ़ गई है।”
संस्कृति एवं शोध की आवश्यकता पर जोर –
इंटेक जैसलमेर चैप्टर के संयोजक विक्रम सिंह भाटी ने कहा कि जैसलमेर का इतिहास प्राचीन और सांस्कृतिक दृष्टि से अत्यंत समृद्ध है। उन्होंने इसके विस्तृत शोध और संरक्षण की आवश्यकता बताई।
इतिहासकार तने सिंह सोढा ने जैसलमेर के इतिहास एवं लोक संस्कृति पर व्याख्यान प्रस्तुत करते हुए यहाँ शोध संस्थान खोलने का सुझाव दिया।
प्रकृति और पर्यावरण पर विचार –
पर्यावरणविद् पार्थ जगानी ने जैसलमेर की प्राकृतिक विरासत और पर्यावरण संरक्षण पर चर्चा की तथा जैसलमेर के संस्थापक राजा जैसल के शिलालेख खोजने की आवश्यकता पर बल दिया।
वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. ओम प्रकाश भाटिया ने जैसलमेर के लोकजीवन, रहन-सहन और खान-पान पर प्रकाश डाला।
वरिष्ठ पत्रकार आनंद पुरोहित ने जैसलमेर के शाको और राजपूतों के बलिदान का उल्लेख किया, वहीं इतिहासकार एवं स्तंभ लेखक लक्ष्मण सिंह पुरोहित ने नई पीढ़ी को सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण के प्रति जागरूक होने की सलाह दी।
सुरेश कुमार हर्ष ने जैसलमेर के तालाबों, कुओं और जल प्रबंधन पर जानकारी साझा की।
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