संभागीय आयुक्त डॉ. प्रतिभा सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में जिला कलक्टर ने दी जानकारी
जोधपुर, 04 अगस्त।संभागीय आयुक्त डॉ. प्रतिभा सिंह की अध्यक्षता में सोमवार को उनके कक्ष में आयोजित बैठक में जिला कलक्टर श्री गौरव अग्रवाल ने बताया कि जोजरी नदी को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल और जिला प्रशासन द्वारा एक विशेष निरीक्षण अभियान चलाया गया है।
श्री अग्रवाल ने बताया कि इस अभियान के तहत 6 निगरानी टीमों का गठन किया गया, जिन्होंने रीको औद्योगिक क्षेत्र, विभिन्न टेक्सटाइल इकाइयों और एम्स जोधपुर परिसर का गहन निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान कुल 72 औद्योगिक इकाइयों का दौरा किया गया, जिनमें से 32 इकाइयों को गंभीर तकनीकी कमियों जैसे कि PETP की खराब स्थिति, SCADA इंटरलॉकिंग की अनुपस्थिति, और अवैध बायपास लाइनों के चलते कारण बताओ नोटिस जारी किए गए।
निरीक्षण में सामने आईं प्रमुख अनियमितताएँ इस प्रकार रहीं
* कई इकाइयों में SCADA प्रणाली को पंप से इंटरलॉक नहीं किया गया था, जिससे अपशिष्ट जल सीधे बहता पाया गया।
* अधिकांश इकाइयों के प्री-ट्रीटमेंट प्लांट्स (PETP) की स्थिति असंतोषजनक पाई गई।
* RIICO नालों में रंगीन गंदा पानी बहता मिला और कई स्थानों पर अवैध बायपास लाइनों की सक्रिय उपस्थिति दर्ज की गई।
* RIICO क्षेत्र में पाई गई 17 अवैध टेपिंग्स में से 16 को अब तक सीमेंट-कंक्रीट से बंद किया जा चुका है।
* इसी क्रम में सोमवार 4 अगस्त 2025 को राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल , जेडीए एवं नगर निगम की संयुक्त टीमों द्वारा शोभावतों की ढाणी स्थित दो इकाइयों का औचक निरीक्षण किया गया तथा इस दौरान पाई गई अवैध इकाइयों में स्थित वाशिंग टैंकों को ध्वस्त किया गया।
उन्होंने बताया कि इसके अतिरिक्त, भैरव नाले से प्रतिदिन लगभग 20–25 MLD घरेलू सीवेज RIICO नालों में प्रवाहित हो रहा है। पूर्व में यह मात्रा 55 MLD थी, जो अब घटकर 35 MLD रह गई है। यह संकेत है कि कुछ इकाइयों द्वारा गीले प्रोसेस बंद किए जाने से जल की रासायनिक ऑक्सीजन मांग (COD) में गिरावट आई है।
एम्स जोधपुर को निर्देशित किया गया है कि वह अपना STP पूरी क्षमता के साथ संचालित करे और RIICO नालों में अपशिष्ट जल भेजना तुरंत बंद करे।
साथ ही, RIICO एवं CETP ऑपरेटर को निर्देश दिए गए हैं कि वे सभी अवैध निकासी लाइनों को हटाएं और नालों की नियमित सफाई सुनिश्चित करें।
अवैध कपड़ा धुलाई में संलग्न वाहनों की पहचान और उन पर कार्रवाई के लिए जिला परिवहन अधिकारी (DTO) को विशेष निगरानी के निर्देश दिए गए हैं।
उन्होंने बताया कि वर्तमान में जोधपुर में सलावास फेज-1 एवं 2 सहित तीन STP संचालित हैं, जिनकी कुल क्षमता 100 MLD है। वहीं, बासनी, बेंडा और उचियाडा-विवेक विहार में स्थित तीन अन्य STP का संचालन 12 अगस्त, 2025 तक प्रारंभ करने का लक्ष्य है, जिससे घरेलू अपशिष्ट जल का समुचित शोधन सुनिश्चित हो सकेगा।
यह व्यापक निरीक्षण और त्वरित कार्रवाई जोजरी नदी को स्वच्छ और प्रदूषण मुक्त बनाने की दिशा में प्रशासन का एक महत्वपूर्ण कदम है। पर्यावरण नियमों की अवहेलना करने वाली इकाइयों के खिलाफ सख्त कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी।
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