जागरण संवाददाता, कानपुर : काकादेव में सगे भाइयों मोनू सिंह और प्रिंस की हत्या के मामले में पुलिस ने नेपाली युवक और उसके साथी को गिरफ्तार करके वारदात का पर्दाफाश कर दिया। आरोपितों ने बताया कि बहनों के लिए अभद्र टिप्पणी करने पर मोनू और प्रिंस को मार डाला। वारदात में एक और नेपाली युवक शामिल था जो फरार है।
शनिवार रात पुलिस ने एक बाइक नंबर और एडीजी की सर्विलांस टीम की मदद से काकादेव चंदेल चौराहा निवासी आकाश थापा और पुरानी बस्ती निवासी शुभम दिवाकर को हिरासत में लिया तो घटना का राजफाश हुआ। एसपी पश्चिम संजीव सुमन ने बताया कि गुरुवार रात आकाश व शुभम अपने दोस्त अमर थापा की मैरिज एनिवर्सरी मनाने निकले थे। रास्ते में मोनू और प्रिंस मिले। रात 11 बजे कार में सबने बैठकर शराब पी। मोनू व प्रिंस ने नेपाली समाज व उनकी बहनों के खिलाफ अभद्र टिप्पणी कर दी। इस पर झगड़ा हुआ और तीनों ने मिलकर मोनू व प्रिंस की हत्या कर दी। पुलिस अमर की तलाश कर रही है।
यह था घटनाक्रम
काकादेव ओम चौराहे के पास मोबाइल कम्युनिकेशन व ई वॉलेट शॉप चलाने वाले मोनू सिंह की खून से सनी कार नवीननगर व ओम चौराहे के बीच वाली सड़क पर खाली प्लाट के सामने शुक्रवार तड़के खड़ी मिली थी। प्लाट की चाहरदीवारी व उसमें बने कमरे के दरवाजे पर भी खून निशान मिले थे। प्लाट में दो बार खोदाई के बाद शनिवार देर शाम तीसरी बार में पांच फीट नीचे दोनों भाइयों के शव दबे मिले।
मोनू का मोबाइल बंद करने से पहले कॉल कर फंसा अमर
अपराधी कितनी भी सावधानी बरते, मगर कोई न कोई सुराग छोड़ ही जाता है। ऐसा ही हुआ काकादेव के दोहरे हत्याकांड में। मोनू और प्रिंस की हत्या कर शव ठिकाने लगा दिया गया। दोनों के मोबाइल भी बंद कर दिए, लेकिन अमर थापा ने यहीं चूक कर दी। मोनू का मोबाइल बंद करने से पहले वह उस पर कॉल कर बैठा। कॉल हिस्ट्री में अमर का नंबर सर्विलांस के हाथ आया तो उसकी कॉल डिटेल से हत्या में शामिल आकाश और शुभम भी पुलिस के हाथ आ गए।
खून खौल गया, ठान लिया-वह नहीं या तो मैं
हत्यारोपित आकाश और शुभम ने मीडिया के सामने बताया कि घटना वाली रात जब वह शराब पीने जा रहे थे तो मोनू और प्रिंस ने कार से आकर रोक लिया। पहले केशव वाटिका गए, जहां मोनू को कुछ पैसा लेना था। लौटते समय साथ में शराब पी। मोनू व प्रिंस का अक्सर मजाक और धमकी सहते थे। वे नेपाली लड़कियों के लिए भी अभद्र टिप्पणी करते थे। उस दिन जाने क्या हुआ कि बहन के लिए बोला तो खून खौल उठा। फिर लगा कि या वह नहीं या मैं। शुभम ने टिप्पणी करने से रोका तो प्रिंस ने उसकी अंगुली चबा ली। अमर ने मोनू से जबरन गाड़ी रुकवाई और प्रिंस को बाहर खींच लिया। ईट से कूचकर हत्या कर दी। मोनू ने रोकने की कोशिश की तो उसे भी कार की सीट पर गिरा कर मार दिया। प्रिंस के शव को प्लाट के कमरे में छोड़कर जब मोनू का शव प्लाट में फेंका तो पहले से गढ्डा दिखा। तब तय किया कि दोनों शव गढ्डे में दबा दें। प्रिंस का मोबाइल प्लाट में ही फेंक दिया।नेपाल की नागरिकता, यहां आधार कार्डआकाश ने बताया कि उसके पिता की नागरिकता नेपाल की है लेकिन अपना और परिवार के सभी सदस्यों का यहीं से आधार कार्ड बनवा रखा है। अमर थापा के पास भी दोनों देशों की आइडी है। कभी वे नेपाल रहते हैं तो कभी भारत में।
