दिल्ली में खूबसूरत महफिल ‘सुखन-कारी’ में अपनी रचनाएं पेश की
जोधपुर। सीएसओआई क्लब दिल्ली और अदबी तंजीम ‘हम कलम’ के साझा तत्वावधान में शायरी के इंद्रधनुषी रंगों से सजी एक ख़ूबसूरत महफिल ‘सुखन-कारी’ का आयोजन सीएसओआई चाणक्यपुरी के ऑडिटोरियम में किया गया। इस खूबसूरत और हसीन महफिल में इंद्रधनुष के सप्त रंगों जैसे सात शायर, शायरात ने अपनी शायरी के चटख़, शोख रंगों से महफिल को रोशन किया। इस महफिल में जोधपुर की शायरा रेणू वर्मा ने अपनी रचनाएं पेश की। रेणु वर्मा ने शुरुआत ‘उसकी आंखों में कभी मेरे लिए इक दिया जलता हुआ महसूस हो…’ से की और गजल ‘सिवाए खुद के किसी पर गुमान थोड़ी है, बदन ये रूह का पुख्ता मकान थोड़ी है…’ सुनाकर खूब दाद लूटी।
इस मुशायरे में अपने तेवर और तरन्नुम से अपनी पहचान बनाने वाली शायरा गायत्री मेहता, अपनी उम्र से आगे की शायरी करने वाले भरगैन के नौजवान शायर नादिम नदीम, हिंदी, उर्दू, और पंजाबी, तीनों भाषाओं में समान रूप से लिखने और प्रसिद्धि पाने वाले शायर राज़ देहलवी, बहुआयामी व्यक्तित्व के मालिक, शायर, अफसाना निगार, नाटककार, संगीतकार जनाब इरशाद ख़ान सिकंदर, खूबसूरत महलों, किलों राजा, रजवाड़ों के शहर जोधपुर से पधारी मेहमान शायरी रेणु वर्मा के साथ फरीदाबाद से रचनात्मक लेख लिखने वाली सुप्रसिद्ध शायरा मीनाक्षी जिजीविषा ने शिरकत की। मुशायरे की निज़ामत मकबूल और मशहूर शायर मोईन शादाब ने की।
सभी शायरों ने अपनी बेहतरीन गज़लें, शेर सुनाए और श्रोताओं ने अपने पसंदीदा शायरों को देर तक, मन से सुना।