जोधपुर (कार्यालय संवाददाता)। अपंग, अनाथ, निर्धन, विधवा, वृद्ध एवं वंचितजनों की सेवा में सतत् संलग्न नारायण सेवा संस्थान, उदयपुर द्वारा आत्मीय स्नेह मिलन एवं भामाशाह सम्मान समारोह का आयोजन अमारा रिजॉर्ट, फनवल्र्ड, चौपासनी फिल्टर हाउस के सामने, जैसलमेर रोड, जोधपुर में 7 अप्रेल शनिवार सांय 5 बजे से किया जा रहा है। नारायण सेवा संस्थान की स्थापना पूज्य कैलाश मानव द्वारा वर्ष 1985 में घर-घर से एक मु_ी आटा एकत्र कर अस्पताल में रोगियों को भोजन देने के अभियान की शुरूआत के साथ की। इस अभियान में प्रारम्भ में परिवार के सदस्य तथा गिनती के मित्र ही थे। लेकिन आज लगभग एक हजार साधक-साधिकाएँ मानवता के इस कल्याणकारी कार्य में कंधे से कंधा मिलाकर सेवा एवं पुण्य का कार्य कर रहें हैं। संस्थान में प्रतिदिन लगभग 100 दिव्यांगजन के नि:शुल्क ऑपरेशन किए जा रहे हैं। ऑपरेशन के समय से लेकर और बाद में भर्ती रहने तक सभी प्रकार की दवाईयाँ तथा साथ में आए परिजनों को नि:शुल्क आवास व भोजन व्यवस्था उपलब्ध कराई जाती है। संस्थान में अब तक लगभग 3 लाख 70 हजार से अधिक दिव्यांगजन के ऑपरेशन किये जा चुके हैं। प्रतिमाह 1000 असहाय, वृद्ध एवं वंचितजनों को नि:शुल्क राशन वितरण किया जाता है। इसके साथ ही असहाय एवं नि:शक्तजनों को सिलाई, कम्प्यूटर, मोबाईल, रिपेयरिंग इत्यादि रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षणों द्वारा स्वावलम्बी बनाकर आत्मनिर्भर बनाने की प्रेरणा दी जा रही है। संस्थान आर्थिक रूप से निर्धन, असहाय एवं दिव्यांग युवक-युवतियों के नि:शुल्क सामूहिक विवाह का भी आयोजन कर उनका सामाजिक पुनर्वास किया जा रहा है। अब तक 1800 से अधिक जोड़ों का विवाह कराया जा चुका है। संस्थान में निराश्रित बालगृह व आवासीय विद्यालय की सुविधा उपलब्ध है। जिसमें अबोध, असहाय व निराश्रित बच्चों को 18 वर्ष की आयु तक भोजन, वस्त्र एवं दैनिक आवश्यक शिक्षा, शिक्षण सामग्री तथा आवास की नि:शुल्क सुविधाएँ उपलब्ध करवायी जा रही हैं। प्रतिभाशाली बालकों को शहर के प्रसिद्ध विद्यालयों में अध्ययन की व्यवस्था करवायी जा रही है। संस्थान ने इसी उद्देश्य की प्राप्ति के लिए जन्मजात विकंलागता ग्रस्त तथा असहाय बच्चों के लिए आवासीय विद्यालय प्रारम्भ किया है। शहर में निर्धन लोगों को नारायण रोटी रथ द्वारा रोजाना भोजन वितरण के साथ ही संस्थान में 5 हजार लोगों को प्रतिदिन भोजन कराया जा रहा है। इस अवसर पर संस्थान के अध्यक्ष श्री प्रशान्त अग्रवाल ने अपने संदेश में स्थानीय लोगों से अपील की है कि वे अधिक से अधिक संस्थान की जानकारी वंचितजनों तक पहुँचाएँ, जिससे वंचितजन संस्थान में सामाजिक कल्याणकारी कार्यों तथा सेवाओं से लाभान्वित हो सकें। इसके साथ ही दानवीर भामाशाओं से भी अपील की है। कि संस्थान के सेवा कार्य-कलापों को गति प्रदान करने के लिए दिल खोलकर तन-मन-धन से सहयोग कर, इसके सफल संचालन में सहयोग करें। संस्थान प्रत्येक दिव्यांग एवं जरूरत की सेवा के लिए तत्पर हैं।