राजस्थान के बारां जेल में बंद मुस्लिम कैदी की सवाई मान सिंह (एसएमएस) सरकारी अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई. आरोप है कि गार्ड्स ने कैदी मोहम्मद रमजान को पीट-पीट कर मार दिया. इस मामले को परिजनों ने हत्या बताया है. परिजनों का कहना है कि कैदी के साथ धार्मिक आधार पर भेदभाव किया जाता था और इसी वजह से हत्या की गई. परिजनों ने पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की मांग की है.
मौत के कुछ दिन पहले, राजस्थान में बारां जेल में कैद 52 वर्षीय मोहम्मद रमजान ने एक वीडियो रिकॉर्ड किया था, जिसमें बताया गया था कि कैसे उन्हें गार्ड द्वारा प्रताड़ित किया जा रहा था. वीडियो ने रमजान के कहा था कि “उन्होंने (पुलिस गार्ड ने) मुझे कम से कम आठ बार पाइप से पीटा है. उन्होंने कहा कि अगर मैं कुछ बोलूंगा, तो वे मुझे और मारेंगे ”
मोहम्मद रमजान बारां जेल में दो वर्ष की सजा काट रहा था. गंभीर बीमारी के चलते इसे कुछ दिन पहले कोटा के मेडिकल कॉलेज में भर्ती करवाया गया था. जहां ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों ने उसके साथ मारपीट की और तबीयत ज्यादा बिगड़ जाने पर इसे जयपुर एसएमएस रेफर किया गया. मोहम्मद रमजान को कई वर्षों पूर्व मारपीट के एक मामले में न्यायालय ने 2 वर्ष की सजा सुनाई थी. उसी मामले में वह बारां जेल में सजा काट रहा था.
मृतक के बेटे रिजवान के मुताबिक उसके पिता रमजान पहले से ही लीवर की बीमारी से पीड़ित थे. जब 20 अप्रैल को उनकी तबीयत खराब हुई और उन्हें जयपुर के एसएमएस अस्पताल में रेफर किया गया. इस दौरान जेल प्रशासन ने परिजनों को अस्पताल में मिलने के लिए बुलाया और बताया कि पैर फिसलने की वजह से रमजान का पैर टूट गया है. जब अगले दिन परिजन मिलने अस्पताल पहुंचे तो मामला कुछ और ही बताया. रमजान ने बताया कि एक गार्ड ने उन्हें पाइप से पीटा था. रिजवान ने इस बयान का वीडियो बना लिया.
मामले में पुलिस अधीक्षक, कोटा दीपक भार्गव ने कहा है कि “हम इस मामले पर न्यायिक जांच के तहत टिप्पणी नहीं कर सकते. हालांकि, एक स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने के लिए, उन चार पुलिस गार्डों को निलंबित कर दिया गया है.