फिल्म अभिनेता सलमान खान को 1998 के काले हिरण शिकार मामले के दौरान अपने हथियार का लाइसेंस गुम हो जाने का झूठा शपथ पत्र देने के मामले में अदालत ने बरी कर दिया है। सलमान खान के अधिवक्ता ने कोर्ट में कहा था कि सलमान खान का किसी भी तरह का यह मंतव्य नहीं था कि वह झूठा शपथ पत्र दे, ऐसे में उसके विरुद्ध किसी तरह की कार्यवाही करना न्यायोचित नहीं है और उनके खिलाफ मामला ना चलाया जाए।
1998 में जोधपुर में सलमान खान के खिलाफ हिरण शिकार और आर्म्स एक्ट का एक प्रकरण दर्ज किया गया था। आर्म्स एक्ट में उन्हें पिछले साल बरी कर दिया गया। इस मामले की सुनवाई के दौरान सलमान को अपना लाइसेंस कोर्ट में जमा करवाना था, लेकिन सलमान की तरफ से शपथ पत्र देकर बताया गया कि उनका लाइसेंस खो गया। जबकि बताया जा रहा है लाइसेंस नवीनीकरण के लिए दिया हुआ था।
अभियोजन ने इस शपथपत्र को झूठा बताते हुए कोर्ट को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए दंड प्रक्रिया सहिंता 340 के तहत कारवाही करने का प्रार्थना पत्र 2006 में पेश किया था। जिस पर सुनवाई बीते मंगलवार को पूरी हुई जिसके बाद आज अदालत ने कहा कि अभिनेता पर इसके लिए कार्रवाई नहीं होगी।