डायबीटीज लाइफस्टाइल से जुड़ी बीमारियों में ना सिर्फ कॉमन है, बल्कि शुगर का हर पांचवां मरीज हमारे देश में ही है। सही इलाज और मैनेजमेंट ना हो तो डायबीटीज के मरीजों को हार्ट अटैक, लकवा, किडनी फेल्यर, आंखों की समस्या, पैरों की समस्या, पुरुषों में नपुंसकता और महिलाओं में बांझपन, फ्रोजन शोल्डर (कंधे का जाम होना) जैसी बीमारियों का खतरा भी रहता है। ऐसे में हम आपको बता रहे हैं उन लक्षणों के बारे में जिनसे आप पता कर पाएंगे कि कहीं आपको शुगर की बीमारी तो नहीं…
डायबीटीज 2 तरह की होती है- टाइप 1 डायबीटीज और टाइप 2 डायबीटीज।
– टाइप 1 में शरीर में अचानक इंसुलिन हॉर्मोन बनना बंद हो जाता है और ऐसा बचपन में ही होता है। टाइप 1 डायबीटीज के मरीज बहुत कम होते हैं। इसमें शरीर के ग्लूकोज को कंट्रोल करने के लिए इंसुलिन देना पड़ता है।
– टाइप 2 डायबीटीज गलत लाइफस्टाइल, मोटापा और बढ़ती उम्र की वजह से होता है। इसमें शरीर में कम मात्रा में इंसुलिन बनता है। ज्यादातर मरीज इसी कैटिगरी में आते हैं
– टाइप 2 डायबीटीज गलत लाइफस्टाइल, मोटापा और बढ़ती उम्र की वजह से होता है। इसमें शरीर में कम मात्रा में इंसुलिन बनता है। ज्यादातर मरीज इसी कैटिगरी में आते हैं
डायबीटीज के लक्षणमोटापा
मोटापा डायबीटीज की निशानी हो सकता है। अगर आपका बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) 25 से ऊपर है, तो यह निश्चित तौर पर हाई ब्लड शुगर का इशारा है।
खून में शुगर का लेवल बढ़ा हो तो ऐसे लोगों को अक्सर थकान महसूस होती है, बहुत जल्दी प्यास लगती है और टॉइलट भी बार-बार जाते हैं। यही लक्षण डायबीटीज के पेशेंट्स के होते हैं।
धब्बेदार त्वचा
डायबीटीज का एक कॉमन लक्षण है स्किन डिसऑर्डर, जिसे एकैंथॉसिस निग्रिकैंस कहते हैं। शरीर के जिन हिस्सों पर त्वचा मुड़ती है, वहां अजीब से गहरे और मोटे से धब्बे बन जाते हैं। इसकी संभावना अक्सर गर्दन, कोहनी के अंदरूनी हिस्से, घुटनों के पीछे वाले हिस्से और अंगुलियों के जोड़ों पर होती है।
अगर आपको देर तक नींद नहीं आती तो संभावना है कि आप डायबीटिज के शुरुआती स्टेज में हों। स्टडीज बताती हैं कि जो लोग रेग्युलर बेसिस पर रात को 6 घंटे से कम सोते हैं, उनमें डायबीटीज की संभावना ज्यादा होती है।
क्या और कितना खाएं?
डायबीटीज के शुरुआती लक्षण दिखते ही आपको सबसे पहले अपने खानपान पर ध्यान देना चाहिए क्योंकि दवाओं के साथ ही लाइफस्टाइल में बदलाव कर शुगर को कंट्रोल किया जा सकता है।
कार्बोहाइड्रेट: चोकर वाला आटा, जौ, जई, रागी, दलिया, मल्टिग्रेन ब्रेड, काला चना, सोया, राजमा
फल: सेब, चेरी, जामुन, मौसमी, संतरा, स्ट्रॉबेरी, शहतूत, आलूबुखारा, नाशपाती, अंजीर
सब्जियां: ककड़ी, तोरी, टिंडा, सेम, शलजम, खीरा, चने का साग, सोया का साग, लहसुन, पालक, मेथी, आंवला, लौकी
अन्य: डबल टोंड दूध और उससे बनी चीजें, छिलके वाली दालें, मछली (बिना ज्यादा तेल और मसाले वाली), फ्लैक्स सीड्स, छाछ
ये चीजें बिलकुल ना खाएंकार्बोहाइड्रेट: सफेद चावल, मैदा, पूरी, समोसा, वाइट ब्रेड
फल: आम, चीकू, अंगूर, केला
सब्जियां: शकरकंद, आलू
मीठा: मिठाई, चीनी, गुड़, शहद, गन्ना, आइसक्रीम, जैम, केक, पेस्ट्री, कुकीज़
अन्य: फुल क्रीम दूध और उससे बनी चीजें, रेड मीट, कोल ड्रिंक्स, रिफाइंड ऑइल
Author: Shamsul Azam
Post Views: 13