आरएसएस के सबसे बड़े थिंक टैंक माने जाने वाले इंडिया पॉलिसी फाउंडेशन के डारेक्टर की जिम्मेदारी जोधपुर निवासी डॉ. कुलदीप रत्नु को दी गई है. प्रोफेसर राकेश सिन्हा की जगह मंगलवार को सुरेश सोनी दत्तात्रेय होसबोले और श्याम परांदे की मौजूदगी में डॉ. रत्नु ने अपना पदभार ग्रहण किया है. स्वदेशी जागरण मंच के मुखपत्र स्वदेशी पत्रिका के संपादक रह चुके डॉ. रत्नु स्वदेशी पत्रिका का संपादक पद छोड़ने के बाद अजमेर के मेयो कॉलेज में 7 साल तक अध्यापन का काम कर चुके हैं.
उन्होंने जोधपुर में स्कूल और कॉलेज शिक्षा के बाद चाइल्ड लेबर के मामले पर पीएचडी की. पिछले दो दशकों से संघ की कई संस्थाओं के साथ डॉ. कुलदीप रत्नु काम करते रहे हैं. स्वदेशी इवेंट, पब्लिकेशन, सच्चर कमेटी, नॉर्थ ईस्ट, दलित जागरण जैसे मुद्दों पर ये थिंक टैंक काम करता है. दक्षिणपंथी मुद्दों पर संघ के लिए रिसर्च और सलाह का काम यही इंडिया पॉलिसी फाउंडेशन करता है.
इंडिया पॉलिसी फाउंडेशन के डायरेक्टर प्रोफेसर राकेश सिन्हा पिछले वर्ष राज्यसभा जाने के बाद इंडिया पॉलिसी फाउंडेशन को पूरा समय नहीं दे पा रहे थे. ऐसे में संघ के लिए लंबे समय से काम कर रहे हो डॉ. कुलदीप रत्नु को यह बड़ी जिम्मेदारी दी गई.
उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की पॉलिसी मेकिंग में सबसे बड़ा रोल निभाने वाला इंडिया पॉलिसी फाउंडेशन की सलाह आरएसएस के नीतिगत निर्णय लेने से पहले ली जाती है. कट्टर हिंदूवादी विषयों से लेकर वनवासियों को दक्षिणपंथी विचार धारा से जोड़ने, मुस्लिम आबादी से जुड़े विषयों, दलित चिंतन, सच्चर कमेटी से लेकर स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट तक हर विषय पर आरएसएस इंडिया पॉलिसी फाउंडेशन से सलाह लेता है.