वाईएसआर कांग्रेस प्रमुख वाय एस जगनमोहन रेड्डी आंध्र प्रदेश के नए मुख्यमंत्री बन गए हैं। आज उन्होंने विजयवाड़ा में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। राज्यपाल ई एस एल नरसिम्हा ने गुरुवार दोपहर उन्हें सीएम पद की शपथ दिलवाई। 175 विधानसभा सीटों वाले आंध्र प्रदेश में रेड्डी की पार्टी को 151 सीटों पर जीत मिली थी।
शपथ ग्रहण समारोह के लिए विजयवाड़ा के नजदीक आईजीएमसी स्टेडियम में भव्य समारोह का आयोजन किया गया था। लेकिन, भारी बारिश आंधी और तूफान के चलते पूरा कार्यक्रम स्थल को भारी नुकसान पहुंचा।
जगनमोहन रेड्डी की पार्टी ने 175 में 151 सीटों पर जीत हासिल की जबकि नायडू की टीडीपी 102 से 23 सीटों पर सिमटकर रह गई। वायएसआरसीपी ने 49.9 फीसदी वोट शेयर मिले जबकि टीडीपी को 39.2 फीसदी वोट मिले।
जगन की जीत का राज
पार्टी को मिली सफलता जगनमोहन की लोकप्रियता का ही परिणाम है, जिन्होंने किसानों, छात्रों और ग्रामीणों की नब्ज को अच्छी तरह पकड़ा. उन्हें भरोसा दिलाया कि सत्ता का बदलाव प्रदेश के हित में है. उन्होंने पूरे राज्य की 3500 किलोमीटर की पदयात्रा की और अपने समर्थकों में नया जोश फूंका. उन्होंने जनता के लिए ‘प्रजा दरबार’ जैसी नई पहल की. वहीं, हाल ही में टीडीपी की स्थिति राज्य में कमजोर हुई थी. कई विकास योजनाएं फंड की कमी के कारण अटकी थीं, जिसके चलते चंद्रबाबू को लोगों की नाराजगी झेलनी पड़ी. आंध्र प्रदेश के साथ अच्छा व्यवहार नहीं करने का आरोप लगाते हुए चंद्रबाबू नायडू एनडीए से अलग हो गए थे और यह बात भी कुछ हद तक जगन के पक्ष में गई.
2009 में किया था राजनीति में डेब्यू
जगन मोहन रेड्डी ने 2009 में राजनीति में डेब्यू किया था. उसी साल उनके पिता अविभाजित आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री बने थे. इसके पहले उनकी पार्टी को सोनिया गांधी की नेतृत्व वाली कांग्रेस पार्टी का समर्थन प्राप्त था, लेकिन 2010 में जगन ने अपनी मां वाईएस विजयम्मा के साथ मिलकर कांग्रेस से नाता तोड़ लिया और अपनी अलग पार्टी बना ली.