भोपाल से भाजपा उम्मीदवार साध्वी प्रज्ञा की उम्मीदवारी के एक मामले पर एनआईए ने कहा कि ये फैसला चुनाव आयोग ही ले सकता है कि वो चुनाव लड़ सकती हैं या नहीं। साध्वी प्रज्ञा को भोपाल से लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए भाजपा से टिकट मिलने के बाद 2008 मालेगांव विस्फोट के पीड़ितों में से एक परिवार ने उनके खिलाफ मुंबई की एनआईए आदालत में शिकायत दर्ज कराई थी।
याचिकाकर्ता ने साध्वी की उम्मीदवारी खारिज करने की मांग की थी। इस मामले में एनआईए ने जवाब दाखिल कर कहा है कि इस पर कोई फैसला लेना एनआईए के अधिकार क्षेत्र से बाहर है। इससे पहले साध्वी प्रज्ञा ने इस याचिका को प्रचार पाने का तरीका करार दिया था। उन्होंने कहा कि लोगों का ध्यान खींचने के लिए पीड़ित परिवार ने उनके खिलाफ ये मुकदमा दायर किया।
साध्वी प्रज्ञा ने चुनाव लड़ने के एलान के बाद से चर्चा में बनी हुईं हैं। कुछ दिन पहले उन्होने बाबरी विध्वंस पर विवादित बयान देते हुए कहा था कि उन्हें विवादित ढांचा तोड़ने पर गर्व है। साध्वी प्रज्ञा 2008 में चर्चा में आईं जब उन्हें मालेगांव विस्फोट के लिए गिरफ्तार किया गया। साध्वी पर मालेगांव विस्फोट के मामले में मुकदमा दर्ज है। वो 9 सालों तक जेल में रही हैं और फिलहाल जमानत पर बाहर हैं।