देश में 11 अप्रैल को 20 राज्यों की 91 लोकसभा सीटों पर होने वाले पहले चरण के मतदान के लिए मंगलवार शाम 5 बजे चुनाव प्रचार थम गया। देश की राष्ट्रीय पार्टियों बीजेपी और कांग्रेस के लिए पहला चरण बेहद ही महत्वपूर्ण है।पहले चरण में एनडीए ने 90 जबकि 89 सीटों पर यूपीए के उम्मीदवारों की किस्मत दांव पर लगी है। यूपी और आंध्र प्रदेश में बीजेपी और कांग्रेस से अलग दो महागठबंधन भी मैदान में हैं। पहले चरण में कुल 1280 उम्मीदवार ने चुनाव लड़ने के लिए पर्चा दाखिल किया है।
पहले फेज में कई वीवीआईपी कैंडिडेट्स की किस्मत ईवीएम में कैद हो जाएगी। इनमें नितिन गडकरी, वीके सिंह, महेश शर्मा, संजीव बालियान, सत्यपाल सिंह, राजेंद्र अग्रवाल, राघव लखनपाल, कुंवर भारतेन्द्र सिंह, चौधरी अजित सिंह, जयंत चौधरी, चिराग पासवान, जीतनराम मांझी, असदुद्दीन ओवैसी, हाजी याकूब कुरैशी, नसीमुद्दीन सिद्दीकी, इमरान मसूद, तबस्सुम हसन के नाम शामिल हैं।
पहले चरण में एनडीए ने 91 में से 90 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं। आंध्र प्रदेश की 1 सीट ऐसी है, जहां एनडीए का उम्मीदवार मैदान में नहीं है। एनडीए में 90 सीटों में से 83 पर बीजेपी के उम्मीदवार मैदान पर हैं। वहीं असम की एक सीट पर सहयोगी असम गण परिषद, बिहार की 2 सीटों पर एलजेपी, 1 सीट पर जेडीयू, महाराष्ट्र की दो सीटों पर शिवसेना और एक सीट पर एनडीपीपी के उम्मीदवार किस्मत आजमा रहा है।
बात अगर यूपीए की करें तो 91 में से यूपी की दो सीटों को छोड़कर 89 सीटों पर इसके उम्मीदवार मैदान में हैं। कांग्रेस इनमें से 83 सीटों पर खुद चुनाव लड़ रही है। बिहार की दो सीटों पर ‘हम’, एक सीट पर आरएलएसपी, महाराष्ट्र की एक सीट पर एनसीपी के उम्मीदवार मैदान में है। कांग्रेस ने महाराष्ट्र की एक सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार का भी समर्थन किया है। यूपी में अजीत सिंह और जयंत के खिलाफ कांग्रेस ने चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है।
उत्तर प्रदेश में महागठबंधन पहले चरण में सभी 8 सीटों पर चुनाव लड़ रहा है। 8 सीटों में से 4 सीटों पर बीएसपी, 2 सीट पर आरएलडी, 2 सीट पर एसपी के उम्मीदवार मैदान में हैं। आंध्र प्रदेश में भी एक महागठबंधन चुनावी मैदान में है। इस महागठबंधन में पवन कल्याण की जन सेना, बीएसपी, सीपीआई और सीपीएम शामिल हैं। आंध्र की 25 सीटों में से जन सेना 17, बीएसपी 3, सीपीआई 2 और सीपीएम 2 सीटों पर चुनाव लड़ रही है।