Breaking Newsदेश-विदेश

संसद सत्र : सदन में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी नहीं आए नजर

17वीं लोकसभा के पहले दिन प्रोटेम स्पीकर रवींद्र कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित सदन के नव-निर्वाचित सदस्यों को सांसद पद की शपथ दिलाई लेकिन सदन में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी नजर नहीं आए। सदन से राहुल के गैर-मौजूद रहने पर भाजपा ने सवाल उठाए।

भाजपा के आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने कहा कि लोकसभा के सत्र के पहले दिन राहुल गांधी सदन में कहीं दिखाई नहीं दिए। राहुल के सदन से नदारद रहने पर मालवीय ने पूछा कि भारतीय लोकतंत्र के प्रति क्या उनका यही सम्मान है।

यहां देखें ट्वीट-

गौरतलब है कि 17वीं लोकसभा का सत्र सोमवार से शुरू हुआ। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने रवींद्र कुमार को प्रोटेम स्पीकर के रूप में शपथ दिलाई। इसके बाद रवींद्र कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नवनिर्वाचित सदस्यों को लोकसभा सांसद पद की शपथ दिलाई।

अपने ट्वीट में अमित मालवीय ने कहा, ’17वीं लोकसभा के सत्र की आज शुरुआत हुई लेकिन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी सदन में कहीं दिखाई नहीं दिए। भारत के लोकतंत्र के प्रति ऐसा सम्मान!’

सत्र शुरू होने से पहले पीएम मोदी ने विपक्ष से कहा कि चुनाव में उसे कितनी सीटें मिलीं इस नंबर पर वह ध्यान देने के बजाय देशहित में मिलकर काम करे। उन्होंने कहा कि एक सामर्थ्यवान एवं सक्रिय विपक्ष लोकतंत्र की ताकत होता है। पक्ष एवं विपक्ष के दायरे से ऊपर उठकर निष्पक्ष भाव से देशहित में काम करने की जरूरत है।

राज्यसभा में भाजपा सांसद थावर चंद गहलोत ने संसद सत्र के पहले कहा, ‘मैं सत्तारूढ़ एवं विपक्षी दल के नेताओं अनुरोध करना चाहूंगा कि किसी भी समस्या का समाधान बातचीत से हो जाएगा। इसलिए मैं चाहूंगा कि सभी दल समाधान ढूंढने की दिशा में कोशिश करें।’

इस बार लोकसभा चुनाव में विपक्ष को भारी नुकसान हुआ है। जबकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व में एनडीए ने ऐतिहासित जीत दर्ज की। भाजपा अकेले 303 सीटों पर विजयी हुई है। जबकि कांग्रेस 52 सीटों पर जीत मिली है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी अपनी पारंपरिक सीट अमेठी से चुनाव हार गए हालांकि उन्होंने केरल की वायनाड सीट से जीत दर्ज की है।

राहुल ने लोकसभा चुनाव में पार्टी के खराब प्रदर्शन की जिम्मेदारी ली है। वह कांग्रेस अध्यक्ष पद से त्यागपत्र देने पर अड़े हुए हैं। इस बीच ऐसी चर्चा है कि कांग्रेस मौजूदा संकट के दौर से निकलने के लिए एक नए फॉर्मूले पर काम कर रही है जिसके तहत कांग्रेस में चार राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाए जाने की चर्चा है। ये चारों राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व, पश्चिम, उत्तर और दक्षिण भारत के लिए काम करेंगे।

Related Articles

Back to top button