लोकसभा चुनाव 2019 में अपराध के मामले में राजस्थान के 7 जिले अतिसंवेदनशील और 10 जिले संवेदनशील माने जा रहे हैं. अतिसंवेदनशील सीटों पर जातीय-टकराव की संभावनाएं है. निर्वाचन अधिकारियों का कहना है कि नागौर, बीकानेर, दौसा, अलवर, जयपुर ग्रामीण, टोंक- सवाई माधोपुर और जैसलमेर-बाड़मेर में विशेष सावधानी बरतने के निर्देश दिए गए हैं. लोकसभा चुनाव में संवेदनशील और अतिसंवेदनशील मतदान केंद्रों पर गड़बड़ी रोकने के लिए हर बूथ पर भारी संख्या में पुलिस मुस्तैद रहेगी.
राजस्थान में पिछले दो लोकसभा चुनाव के दौरान अपराध के 141 मामले दर्ज हुए हैं. इनमें सबसे ज्यादा से 25 केस दौसा जिले में दर्ज हुए हैं. राजधानी जयपुर में इस दौरान 9, जोधपुर जिले में 10, बीकानेर में 5, बाड़मेर में 13, अजमेर में 4 और अलवर जिले में 10 प्रकरण दर्ज किए गए थे. निर्वाचन अधिकारियों ने 10 जिलों पाली, सीकर, झुंझुनू भरतपुर, धौलपुर, राजसमंद, श्री गंगानगर, चूरू, कोटा और चित्तौड़गढ़ को संवेदनशील माना है. इन जिलों में निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव के लिए पैरामिलिट्री फोर्सेस की टुकड़िया तैनात की जाएंगी….