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पुरुषार्थ के बल पर सब संभव है। – डा० शिवसिंह

जोधपुर। शक्ति और भक्ति के बल महाराव लाखन ने नई सता कायम की पुरुशार्थ के बल पर ही सब कुछ प्राप्त किया जा सकता है, साभर से पैत्रक सम्राज्य को त्याग कर मेदो के आतंक से नाडोल को मुक्त किया और जनता ने उनका राजतिलक कर सता सोपी ऎसे विरले व्यक्त्वि के धनी महाराव लाखन थे यह विचार सम्राट पृथ्वीराज चहुआण संस्थान द्वारा महाराव लाखन की 1079 की जयंति के उपलक्ष में आयोजित संगोष्ठी मे डा० शिव सिंह राठौड़ ने व्यक्त किये । संस्थान के सयोजक श्याम सिंह सजाड़ा ने बताया कि महाराज गजसिंह जी राजपूत विश्राम भवन में आयोजित संगोठी मे मुख्य वक्ता के रूप मे इतिहासविद शंकरदान ने बताया कि आज जहा भाई भाई के बीच सम्पति के विवाद दृष्टिगोचर होते उनको राव लाखन के व्यक्त्तितव् से प्रेरणा ले सकते है, जिन्होने पैतृक सम्राज्य का त्याग कर अपने कृतित्व से नये सम्राज्य को खडा किया जिनसे ही चहुआणों की 24 साखाए निकली संस्था के अध्यक्ष गोपाल सिंह रूदिया ने बताया धरती को माँ मानकर चहुआणो ने अपनी पहचान कायम की इस कारण ही चहुआणो की सभी खापे धरती के उपर है, सोनगिरी से सोनिगरा, खीलचीपुर से खीची, देवपुरी से देवडा, भदावर से भदोरिया, आदि सभी 24 शाखाएं बनी, बैठक का संचालन महासचिव अधिवक्ता राजेंद्र सिंह चहुआण पिपरली ने किया, दीप सिंह गादेरी, राम सिंह रोहिणा, दयालसिंह सिलारी ने भी विचार व्यक्त किये। बैठक के भवर सिंह धवा, संग्राम सिंह रोहीचा विक्रम सिंह रूदिपा नरपतसिंह राजगढ़, आदि अनेक गणमान्य लोग उपस्थित थे।

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